नीतीश व्यक्तिगत राग-विराग छोड़ लालू से करें बात : शिवानंद तिवारी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 26 जुलाई 2017

नीतीश व्यक्तिगत राग-विराग छोड़ लालू से करें बात : शिवानंद तिवारी

nitish-should-talk-with-lalu-shivanand-tiwari
पटना 25 जुलाई , बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उनके इस्तीफे को लेकर बनाये जा रहे दबाव के कारण सत्तारुढ़ महागठबंधन के घटक दलों में छिड़े घमासान के बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के करीबी पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को व्यक्तिगत राग-विराग छोड़कर श्री यादव से बातचीत करने की सलाह दी। श्री तिवारी ने यहां कहा कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने अपनी पार्टी के प्रवक्ताओं पर अंकुश लगाया है, यह स्वागत योग्य कदम है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के. सी. त्यागी ने भी सकारात्मक बयान दिया है लेकिन जब तक श्री नीतीश कुमार और श्री लालू प्रसाद यादव के बीच बातचीत नहीं होती है तब तक अनिश्चितता का धुंध साफ नहीं होगा। पूर्व सांसद ने कहा कि श्री नीतीश कुमार महागठबंधन के नेता हैं और यदि गठबंधन में कोई विवाद पैदा होता है तो उसको बातचीत की पहल से दूर करना नेता का ही दायित्व है। उन्होंने कहा कि श्री नीतीश कुमार ने श्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ काम किया है। भारतीय लोकतंत्र में बगैर किसी खटपट के उतना बड़ा गठबंधन अब तक उनके अलावा किसी ने नहीं चलाया है। 


श्री तिवारी ने कहा कि श्री कुमार को श्री वाजपेयी की कार्यशैली का स्मरण करना चाहिए और व्यक्तिगत राग-विराग छोड़कर देश के सामने जो अभी गंभीर चुनौती है उसे ध्यान में रखकर श्री यादव के साथ बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बगैर संवाद के लोकतंत्र नहीं चल सकता है। संवाद से इंकार लोकतंत्र को नकारना है। पूर्व सांसद ने कहा कि श्री यादव ने एक अखबार के साथ साक्षात्कार में कहा था कि श्री नीतीश कुमार उनसे ज्यादा परिपक्व नेता हैं। उन्होंने कहा कि श्री यादव ने यह कहकर बड़प्पन का परिचय दिया था। अब श्री कुमार को भी बड़प्पन का परिचय देना है। श्री तिवारी ने कहा कि श्री कुमार को अब बिना देर किये श्री यादव से बातचीत कर अनिश्चितता के माहौल को दूर करना चाहिए । 

कोई टिप्पणी नहीं: