जीएसटी यदि मूल स्वरुप में लागू होती तो नहीं रहती दुविधा : सदानंद - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 2 जुलाई 2017

जीएसटी यदि मूल स्वरुप में लागू होती तो नहीं रहती दुविधा : सदानंद

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पटना 01 जुलाई, बिहार प्रदेश कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने एक आज से लागू हुए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को वास्तविक स्वरुप से भिन्न बताया और कहा कि यदि जीएसटी अपने मूल स्वरुप में लागू होती तो देशवासियों के मन में कोई दुविधा नहीं रहती। श्री सिंह ने आज यहां कहा कि जीएसटी यदि अपने मूल स्वरुप में लागू होती तो आज देश के छोटे कारोबारी और व्यापारिक संगठनो को इसकी विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर हड़ताल करने की कोई जरुरत नहीं होती। नये कर व्यवस्था पर कारोबारी और व्यापारिक संगठनो के आक्रोश का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जम्मू कश्मीर में जीएसटी लागू नहीं होने के बावजूद इसके विरोध में बंद का आह्वान किया गया। उन्होंने कहा कि जीएसटी में कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती केन्द्र सरकार ने अधिकतम 18 प्रतिशत टैक्स स्लैब रखा था जिसे वर्तमान केन्द्र सरकार ने 28 फीसदी कर दिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने अन्य देशाें में लागू जीएसटी की दर से भारत की तुलना करते हुए कहा कि विश्व के कई प्रमुख देशों की तुलना में भी सर्वाधिक है। उन्होंने आंकड़ो का हवाला देते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलिया में जीएसटी की दर 10 प्रतिशत, अमेरिका में 7.5 प्रतिशत, कनाडा में 15 प्रतिशत, चीन में 17 प्रतिशत और न्यूजीलैंड में 15 फीसदी है। उन्होंने कहा कि आज से लागू हुआ जीएसटी वास्तविक स्वरुप का नहीं है। विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया गया मसौदा कुछ और ही था। श्री सिंह ने जीएसटी से महंगाई दर के प्रभावित होने की आशंका जताते हुए कहा कि इससे कम आय वाले व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। उन्होंने जीएसटी के लांचिंग कार्यक्रम से कांग्रेस के दूरी बनाने के निर्णय पर कहा कि पार्टी का विरोध जीएसटी को लागू करने के तरीके से था। उन्होंने कहा कि केेेन्द्र सरकार ने संसद में जीएससी के लिए मध्य रात्रि तक आयोजन कर आजादी प्राप्ति पर हुए कार्यक्रम के महत्त्व को कम करने का प्रयास किया है। 

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