नाबाग्राम 15 जुलाई, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज कहा कि सक्रिय सेवा छोड़ने के बावजूद पूर्व सैन्यकर्मियों ( ईएसएम) का अनुशासन और संगठनात्मक क्षमता सराहनीय है। श्री मुखर्जी यहां सैन्य स्टेशन में पूर्व सैन्यकर्मियों की पहली रैली को संबोधित किया जिसे सेना के पूर्वी कमान के ब्रह्मास्त्र कोर द्वारा आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में मुर्शिदाबाद और आस-पास के इलाकों के दो हजार से ज्यादा वरिष्ठ सैनिक और वीर नारी (शहीद सैनिकों की पत्नी) मौजूद थे। राष्ट्रपति ने सक्रिय सेवा छोड़ने के बावजूद ईएसएम के अनुशासन और संगठनात्मक क्षमता की सराहना करते हुये आशा व्यक्त की कि नाबाग्राम न केवल एक मॉडल सैन्य स्टेशन बनेगा बल्कि क्षेत्र में नौकरियों और बुनियादी ढांचे के निर्माण के मामले में भी आगे बढेगा। श्री मुखर्जी ने अपने कार्यकाल के पूरा होने से पहले इस क्षेत्र के जवानों, वीर नारियों और ईएसएम से आखिरी बार मिलने पर खुशी जाहिर की। राष्ट्रपति ने वीर नारियों के प्रति अपनी तरफ से सम्मान प्रकट करते हुये कहा कि उनके नुकसान की भरपायी तो नहीं की जा सकती लेकिन सरकार उनका ख्याल रखेगी। इससे पहले जीओसी-इन-सी ने राष्ट्रपति और सभी अन्य गणमान्य व्यक्तियों को इस समारोह में उपस्थित रहने पर दिल से स्वागत किया। उन्होंने विशेष रूप से राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और सांसद अभिजीत मुखर्जी द्वारा किए गए प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से ही सेना को पश्चिम बंगाल में यह भूमि आवंटित हुई थी। इस मौके पर केन्द्रीय पेट्रोलियम और प्रकृतिक गैस राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र प्रधान, संसद सदस्य अभिजीत मुखर्जी, राज्य सरकार में मंत्री जाकिर हुसैन, पूर्वी कमान में चीफ जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी-इन-सी, ईसी) लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बक्शी, बंगाल क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल जीएस संघ, ब्रह्मास्त्र कोर के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एसएस हसबनीस और सैन्य तथा नागरिक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
रविवार, 16 जुलाई 2017
ईएसएम का अनुशासन और संगठनात्मक क्षमता सराहनीय : प्रणब
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