रांची 11 जुलाई, झारखंड भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन और उनके परिवार पर छोटा नागपुर कास्तकारी (सीएनटी) एक्ट का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि सोरेन परिवार ने न सिर्फ एक्ट का उल्लंघन किया है बल्कि चुनाव आयोग, मीडिया और जनता को भी गुमराह किया है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण प्रभाकर ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हेमंत सोरेन, कल्पना सोरेन और सीता सोरेन की संपत्ति के खुलासे के बाद प्रदेश की आम जनता आश्चर्य में है और सोरेन परिवार का असली चेहरा पहचान चुकी है। सोरेन परिवार ने आदिवासियों का स्वघोषित रहनुमा बनकर आदिवासियों को ही चूना लगाया है । उन्होंने कहा कि सीएनटी एक्ट के सरलीकरण पर हंगामा मचाने वाले हेमंत सोरेन बताएं कि एक्ट की किस धारा के तहत उन्होंने रांची में आदिवासी भूमि खरीदी। हेमंत खुद सीएनटी एक्ट की धज्जी उड़ाते हैं और भाजपा को बदनाम करते हैं। श्री प्रभाकर ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देने की बजाय उल्टा भाजपा पर भ्रम फैलाने का आरोप लगा रहे हैं और कह रहे हैं कि उन्होंने कुछ नहीं छिपाया। उन्होंने सवाल किया कि हेमंत सोरेन के पास कौन सा कैलकुलेटर है, जिससे वह तीस कट्ठा जमीन को मात्र 3000 वर्गफीट का बताते हैं। उन्होंने अरगोड़ा मौजा की तीस कट्ठा से ज्यादा जमीन को चुनाव आयोग के हलफनामा में मात्र 3000 वर्गफीट का दिखाया है।
भाजपा नेता ने कहा कि सोरेन परिवार ने कल्पना मुर्मू के नाम से अरगोड़ा मौजा के खाता 233 एवं प्लाट संख्या 1975 में होल्डिंग संख्या 233-232 की 13 कट्ठा 14 छटाक जमीन फरवरी 2009 में तथा होल्डिंग संख्या 233-184 की 17 कट्ठा 8 छटाक जमीन मार्च 2009 में खरीदी। यह जमीन स्व महली उरांव के पुत्रों राजू उरांव तथा राजन उरांव से खरीदी गई। दोनों जमीन का कुल क्षेत्रफल 30 कट्ठा यानी 21,600 वर्गफीट है। यह जमीन सीएनटी एक्ट के तहत दूसरे थाना के आदिवासी को हस्तांतरित नहीं की जा सकती। हेमंत सोरेन को बताना चाहिए कि यह जमीन इतने सस्ते में उन्होंने मिट्टी के मोल कैसे ले ली और चुनाव आयोग से तथ्य क्यों छिपाया। श्री प्रभाकर ने सवाल किया कि पांच करोड़ की इस जमीन को चुनाव आयोग को मात्र पांच लाख में खरीदा दिखाया गया है। पांच वर्षों में ही उसका बाज़ार मूल्य अस्सी लाख दिखा दिया गया। फरवरी 2009 में ही लालपुर में कल्पना सोरेन के नाम से 13340 वर्गफीट भूमि पर बने 10340 वर्गफीट होस्टल को मात्र चार लाख 16 हज़ार में खरीदा दिखाया गया है और 2014 में इसका भी बाज़ार मूल्य 70 लाख बता दिया गया जबकि यह संपत्ति भी कम से कम पांच करोड़ की है।
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