नीतीश के महागठबंधन से नाता तोड़ने से विपक्षी एकता कमजोर होने वाली नहीं : तारिक - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 30 जुलाई 2017

नीतीश के महागठबंधन से नाता तोड़ने से विपक्षी एकता कमजोर होने वाली नहीं : तारिक

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पटना 30 जुलाई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के राष्ट्रीय महासचिव एवं बिहार के कटिहार से सांसद तारिक अनवर ने आज कहा कि श्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर धर्मनिरपेक्ष शक्तियों को कमजोर करने की कोशिश की है लेकिन इससे विपक्षी एकता कमजोर होने वाली नहीं है । श्री अनवर ने यहां पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बिहार में जो राजनीतिक परिवर्तन हुआ है वह एकाएक नहीं हुआ है। श्री कुमार का हृदय परिवर्तन एक दिन में नहीं हुआ बल्कि उनकी नीयत शुरु से ही ठीक नहीं थी। उन्होंने कहा कि श्री कुमार हमेशा राजनीति में विकल्प लेकर चल रहे थे तभी उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ मिलकर सरकार बनाई। राकांपा सांसद ने कहा कि श्री कुमार अपने संगठन जनता दल यूनाइटेड (जदयू) पर अंकुश रखने के लिए ही पार्टी अध्यक्ष बने । इस कवायद में उन्होंने अपने दल के संस्थापक और सर्वमान्य नेता शरद यादव पर दबाव डालकर उनसे अध्यक्ष पद से इस्तीफा ले लिया। उन्होंने कहा कि श्री कुमार के राजग के साथ मिलकर सरकार बनाने के फैसले से श्री यादव काफी नाराज हैं । श्री अनवर ने कहा कि इस संबंध में उनकी बात श्री शरद यादव से हुयी है जिसमें उन्होंने नाराजगी जतायी है । श्री यादव ने कहा कि उनकी जानकारी के बगैर ही राजग में जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि श्री यादव ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह समाजवादी हैं इसलिए सिद्धांत एवं विचारधारा के खिलाफ कभी भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ नहीं जा सकते हैं।


राकांपा सांसद ने एक सवाल के जवाब में कहा कि बिहार राजग के दो घटक दल के शीर्ष नेता प्रदेश की नयी सरकार के गठन से खासा नाराज हैं और महागठबंधन के नेताओं से उनकी बातचीत हुयी है। हालांकि उन्होंने यह बताने से इनकार किया कि राजग के कौन-कौन नेता महागठबंधन के संपर्क में हैं । उन्होंने कहा कि श्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देकर धर्मनिरपेक्ष शक्तियों को कमजोर करने की कोशिश की है लेकिन इससे विपक्षी एकता कमजोर होने वाली नहीं है। श्री अनवर ने कहा कि श्री कुमार पिछले छह माह से भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली के माध्यम से राजग के नेतृत्व के संपर्क में थे और मौके की तलाश कर रहे थे। भ्रष्टाचार का सिर्फ बहाना बनाया गया । उन्होंने कहा कि श्री कुमार के इस फैसले से लोगों में उनके प्रति विश्वास घटा है। पिछले विधानसभा चुनाव के समय श्री कुमार ने कहा कि था कि दोबारा उनकी वापसी राजग में होने वाली नहीं है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि संघ मुक्त भारत बनाने की बात करने वाले श्री कुमार आज उसी के गोद में बैठ गये हैं । राकांपा सांसद ने कहा कि श्री कुमार में यदि थोड़ी भी नैतिकता होती तो फिर से जनादेश प्राप्त करते। उन्होंने राजग के साथ जाकर बिहार की जनता के साथ राजनीतिक धोखेबाजी की है। उन्होंने कहा कि श्री कुमार ने जिस तरह से राजनीतिक धोखेबाजी की है उससे जनता के बीच उनकी विश्वसनीयता अब समाप्त हो गयी है। विपक्ष भी उनपर विश्वास करने वाला नहीं है। 

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