नयी दिल्ली 18 जुलाई, सरकार ने आज राज्यसभा में कहा कि किसी भी देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बहुत से घटकों पर निर्भर करता है जिनमें मौद्रिक अवयव भी शामिल है इसलिए जीडीपी पर नोटबंदी के प्रभाव को पृथक करना संभव नहीं है। वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सदन में एक लिखित उत्तर में कहा कि केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी नवीनतम अनुमानों के अनुसार वर्ष 2016-17 की पहली छमाही और दूसरी छमाही में विकास दर क्रमश: 7.7 प्रतिशत और 6.5 प्रतिशत रही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक जैसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने वर्ष 2017-18 में भारत की विकास दर में सुधार होने का अनुमान लगाया है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में अनेक संकेत मजबूत हैं जिससे चालू वित्त वर्ष में विकास दर में बढोतरी होने का अनुमान है। सरकार ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कई उपाय किये हैं और बजट में इसको लेकर प्रावधान किये गये हैं। वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि नोटबंदी के कारण रोजगार गंवाने वालों के संबंध में अभी कोई आधिकारिक रिपोर्ट नहीं मिली है।
बुधवार, 19 जुलाई 2017
अर्थव्यवस्था पर सिर्फ नोटबंदी के प्रभाव का अध्ययन करना संभव नहीं : सरकार
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