नयी दिल्ली, 27 जुलाई, उच्चतम न्यायालय ने आपातकाल के समय पर बनी निर्देशक मधुर भंडारकर की हिन्दी फिल्म ‘इंदु सरकार’ को रिलीज नहीं किये जाने की याचिका को आज खारिज कर दिया। कांग्रेस के दिवंगत नेता संजय गांधी की जैविक पुत्री होने का दावा करने वाली प्रिय सिंह पाल ने फिल्म रिलीज नहीं किये जाने के लिये याचिका दायर की थी। शीर्ष अदालत ने याचिका को खारिज कर फिल्म रिलीज करने को मंजूरी दे दी। सुश्री पाल का कहना था कि इस फिल्म में गांधी परिवार की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है। फिल्म कल रिलीज होनी है। ‘इंदु सरकार’ 1975 से 1977 के देश में आपातकाल के समय की घटनाओं पर आधारित है। सुश्री प्रिय सिंह का आरोप है फिल्म मनगढंत तथ्यों पर बनाई गई है। फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी और उनके पुत्र संजय गांधी की छवि को धूमिल करती है। शीर्ष न्यायालय ने आदेश में कहा,“ फिल्म कानून के दायरे में कलाकार की अभिव्यक्ति को दर्शाती है और इसकी रिलीज को रोकना न्यायसंगत नहीं होगा।” उधर दिल्ली उच्च न्यायालय में भी ‘इंदु सरकार’ की फिल्म को फिल्म सेंसर बोर्ड की मंजूरी काे रद्द करने की याचिका भी खारिज कर दी गई है। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायाधीश सी हरी शंकर की पीठ ने याचिका खारिज करते हुये कहा कि ऐसी ही एक याचिका बम्बई उच्च न्यायालय भी खारिज कर चुका है इसलिये बम्बई उच्च न्यायालय के निष्कर्ष से असहमत होने का कोई आधार नहीं है।
शुक्रवार, 28 जुलाई 2017
‘इंदु सरकार’ फिल्म रिलीज को उच्चतम न्यायालय की मंजूरी
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