वाकई ये चौंकाने वाली खबर है की एक साधारण सी खबर जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यसभा चुनाव के लिए अपनी संपत्ति का खुलासा करते हैं और पिछले विधानसभा चुनाव अर्थात बस पांच साल में संपत्ति में बढ़ोत्तरी तीन सौ गुना की घोषणा भी की जाती है. सवाल है कि जब खुद अमित शाह अपनी संपत्ति का ब्यौरा जारी करते हैं तो पुराने आंकड़ों के आधार पर मीडिया (वेब वर्जन) ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो क्या वजह रही की वो खबर छपने के बश चंद लम्हों बाद ही हटा ली जाती है. ख़बरों के गुनाहगार हमारी मीडिया इस पर रौशनी शायद ही डाले मगर राष्ट्रवाद के आंच पर पकने वाला हर अनैतिक खिच्की को नैतिकता का लबादा कैसे पहना दिया जाता है शर्मनाक है. मुख्यधारा की वेब मीडिया आप वेब मीडिया को शर्मिंदा कर रहे हैं !
गूगल पर सर्च किये गए हर मुख्धरा मीडिया का लिंक बेनतीजा निकला ..........
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