नयी दिल्ली 29 जुलाई, संसद की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण तथा वन संबंधी स्थायी समिति ने एमपीलैड्स (सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना) की राशि का इस्तेमाल कर देश की प्रयोगशालाओं के आविष्कारों का लाभ आम लोगों तक पहुँचाने की सलाह दी है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण तथा वन संबंधी स्थायी समिति की अध्यक्ष रेणुका चौधरी ने बताया कि उन्होंने एमपीलैड्स स्थायी समिति के अध्यक्ष को पत्र लिखकर इसके तहत जारी की जाने वाली राशि का इस्तेमाल वैज्ञानिक आविष्कारों का लाभ पहुँचाने के लिए करने का अनुरोध किया है। श्रीमती चौधरी ने कहा कि उन्होंने स्वयं कम से कम देश के 25 वैज्ञानिक संस्थानों का दौरा किया है जिनमें कई दूर-दराज के क्षेत्रों में भी हैं। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक काफी अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन उनके आविष्कारों का लाभ आम लोगों तक पहुँचाने की जरूरत है। राज्यसभा सांसद ने कहा “मैंने एमपीलैड्स समिति के अध्यक्ष को इन आविष्कारों के प्रसार के लिए फंड जारी करने के लिए पत्र लिखा है। ” उल्लेखनीय है कि एमपीलैड्स के तहत प्रत्येक सांसद एक वित्त वर्ष में पाँच करोड़ रुपये तक अपने क्षेत्र में विकास कार्यों पर खर्च कर सकता है। इसमें अधिकतर ऐसे कार्यों को तरजीह दी जाती है जो इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास से संबंधित हो या जिसका लाभ लंबे समय तक मिल सके। भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा बनाये गये सौर ऊर्जा वाले सोलर ट्री, बड़े सामुदायिक वाटर फिल्टर आदि इस श्रेणी में आसानी से लगाये जा सकते हैं।
शनिवार, 29 जुलाई 2017
एमपीलैड्स से वैज्ञानिक आविष्कारों के प्रसार के लिए लिखा पत्र
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