मुजफ्फरनगर 20 अगस्त, उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर के खतौली कस्बे के पास पुरी से हरिद्वार जा रही कलिंगा-उत्कल एक्सप्रेस के दुर्घटना के कारणों में ‘काशन बोर्ड’ का संज्ञान नहीं लिया जाना एक बड़ी चूक मानी जा रही है। इस दुर्घटना में 23 यात्रियों के मरने की पुष्टि हुई है। हालांकि, एक यात्री के मेरठ अस्पताल में आज सुबह मृत्यु की सूचना मिली है। हादसे में 400 यात्री घायल हुए हैं। राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) का दावा है कि दुर्घटनास्थल पर रेल पटरी की मरम्मत का काम चल रहा था। मरम्मत के समय रेलगाड़ियाें की रफ्तार उस स्थान पर धीमी हो जाती है, लेकिन कल दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन की रफ्तार 105 किलोमीटर प्रति घंटे बतायी गयी है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कलिंगा-उत्कल एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले उसी पटरी से दो रेलगाड़ियां गुजरी थीं, लेकिन उनकी रफ्तार धीमी थी। इस बाबत अपर पुलिस महानिदेशक बी़ के़ मौर्य ने “यूनीवार्ता” से कहा कि पटरी की मरम्मत का कार्य चल रहा था। ट्रेन की रफ्तार धीमी होनी चाहिये थी, लेकिन उसकी स्पीड में कोई कमी नहीं थी। उनका कहना था कि मरम्मत कार्य में लगे रेलकर्मी या तो काशन बोर्ड लगाना भूल गये या ड्राइवर बोर्ड को देख नहीं सका। दोनो ही स्थिति भयावह है और परिणाम सबके सामने है।
सोमवार, 21 अगस्त 2017
मुजफ्फरनगर रेल हादसा: ‘काशन बोर्ड’ का संज्ञान नहीं लिया जाना बडी चूक
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