नयी दिल्ली 01 अगस्त, उर्वरकों की सब्सिडी सीधे बैंक खातों में हस्तांतरित किये जाने की योजना शुरू होने के बाद सरकार नेपाल सीमा के पास उर्वरक की दुकानें खोलने की अनुमति देने पर विचार करेगी। रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने आज लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान उत्तर प्रदेश में नेपाल की सीमा से सटे 20 जिलों में 15 किलोमीटर के दायरे में उर्वरकों की दुकानों पर लगा प्रतिबंध हटाने से संबंधित एक पूरक प्रश्न के उत्तर में यह बात कही। उन्होंने कहा कि पहले सस्ते उर्वरक सीमावर्ती दुकानों से तस्करी कर नेपाल को भेज दिये जाते थे, जिसके कारण 15 किलोमीटर के दायरे की दुकानों के लाइसेंस 12 साल पहले निलंबित कर दिये गये थे। उन्होंने कहा कि उर्वरकों के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) योजना के बाद सरकार सीमावर्ती इलाकों में उर्वरक की दुकानों के संचालन पर लगा प्रतिबंध हटा लेगी। सरकार यूरिया पर प्रति बोरी 712 रुपये सब्सिडी देती है। अन्य उर्वरकों पर भी उनमें पोषक तत्त्वों की मात्रा के हिसाब से सब्सिडी दी जाती है। उन्होंने कहा कि किसानों से उन्हें इस संबंध में प्रतिवेदन मिला है। साथ ही उन्होंने स्वयं भी उन इलाकों का दौरा किया है। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख लाल मंडाविया ने बताया कि देश भर की उर्वरकों की दो लाख से ज्यादा दुकानों पर डिजिटल भुगतान के लिए पीओएस मशीनें पहुँचा दी गयी हैं। कुल 19 जिलों में डीबीटी का पायलट परीक्षण किया गया, जिसमें 16 जिलों में यह सफल रहा है। उन्होंने कहा कि नीम की परत वाले यूरिया के इस्तेमाल से अनुचित तरीके से सब्सिडी वाले यूरिया का वाणिज्यिक इस्तेमाल रुका है। डीबीटी से अन्य उर्वरकों पर मिलने वाली सब्सिडी की चोरी भी रुकेगी। श्री अनंत कुमार ने एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि उर्वरक कंपनियों की बकाया सब्सिडी में धीरे-धीरे कमी आ रही है। सब्सिडी का बकाया वर्ष 2009 से बढ़ता जा रहा था और एक समय यह 1.4 लाख करोड़ पर पहुँच गया था जो अब घटकर 30 हजार करोड़ रुपये का रह गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार पायलट परियोजना की रिपोर्ट भी सार्वजनिक करेगी।
मंगलवार, 1 अगस्त 2017
नेपाल सीमा पर उर्वरक दुकानों से हटेगा प्रतिबंध
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