सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 23 अगस्त - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 23 अगस्त 2017

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 23 अगस्त

सिलिकोसिस बीमारी के बचाव हेतु कलेक्टर ने दिए कडे़ निर्देष 
  • खदानों में कार्यरत श्रमिकों द्वारा मास्क उपयोग किए जाने के निर्देष जारी

sehore news
प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के निर्देष पर आयोजित सिलोकोसिस बीमारी से बचाव एवं उपचार संबंधी बैठक में कलेक्टर एवं जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष श्री तरूण कुमार पिथोडे़ ने बैठक में उपस्थित जिला खनिज  अधिकारी श्री अषोक सिंघारे एवं जिला क्षय नियंत्रण अधिकारी डाॅ.पदमाकर त्रिपाठी व श्रम अधिकारी ए.पी.सक्सेना को कडे़ निर्देष दिए गए। कलेक्टर ने निर्देषित किया कि जिले में संचालित समस्त खदानों तथा के्रसर मषीनों में कार्यरत श्रमिक अनिवार्य तौर मास्क का उपयोग करें इस बात का ध्यान रखा जाएं और संबंधित खदान संचालकों को निर्देषित किया जाएं कि वे श्रमिकों के लिए मास्क उपलब्ध कराएं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.आर.के.गुप्ता ने बताया कि सिलिकोसिस पीड़ित श्रमिकों के कल्याण हेतु संचालित विभिन्न योजनाओं तथा उनके उपचार संबंधी व्यवस्था की निगरानी के लिए प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। सीहोर जिले में सिलिकोसिस बीमारी से बचाव एवं उपचार हेतु कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। समिति में जिला श्रम अधिकारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, जिला खनिज अधिकारी को सदस्य बनाया गया है। बैठक में जिला क्षय नियंत्रण अधिकारी डाॅ.पदमाकर त्रिपाठी ने बताया कि सिलिकोसिस से पीडित व्यक्तियों की पहचान हेतु मुख्य चिकित्सा एवं एवं स्वास्थ्य अधिकारी के निर्देष पर ,जिला एवं ब्लाॅक स्तर पर स्वास्थ्य जांच षिविरों का आयोजन किया जाएगा। षिविर पंचायतों के सहयोग से आयोजित किए जाएंगे। इन षिविरों में बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों की पहचान की जाएगी। डाॅ.त्रिपाठी ने बताया कि प्रमुख सचिव के निर्देषानुसार सिलोकोसिस प्रमाणित पीडित तथा परिवार एवं मृतक श्रमिक के आश्रितों को निःषुल्क चिकित्सा उपचार सहायता एवं निःषुल्क दवाईयां प्रदान की जाएगी। इस बीमारी से पीडित की मृत्यु होेने पर आश्रित को 3000/- प्रतिमाह की पारिवारिक पेंषन प्राप्त होगी। बैठक में कलेक्टर द्वारा उर्पिस्थत बीएमओ तथा बीईई को निर्देषित किया कि बीमारी से पीड़ित व्यक्ति जैसे ही पहचान में आता है तत्काल इस संबंध में सूचित कर उसके पर्याप्त उपचार की व्यवस्था की जाएं।

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