आर्यावर्त डेस्क,नई दिल्ली ,1 अगस्त ,2017, देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने अब अपने साधारण खाताधारकों के बचत जमा पर 0.5 प्रतिशत ब्याज दर में कटौती की है और उक्त आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है अब से स्टेट बैंक में एक रुपये से 1 करोड़ तक की रकम के बचत खाताधारकों को 4 प्रतिशत की जगह 3.5 प्रतिशत ही ब्याज मिलेगा. दूसरी तरफ एक करोड़ से ऊपर की रकम बचत खातों में रखने वालों को पूर्व की तरह 4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज मिलता रहेगा. बैंक की इस घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ऑटो पार्ट्स व्यापारी वी.के.शेठ ने कहा कि बैंक की दोहरी नीति से छोटे व माध्यम व्यापारियों को नुकसान होगा.टाटा ग्रुप की प्रमुख कंपनी के कर्मचारी कमलेश ने इसे बैंक का जन विरोधी कदम बताया.हालाँकि वित्त मामलों के जानकार कहते हैं कि ब्याज दर घटने से बचत एवं आम निवेशकों पर असर पड़ेगा परन्तु बैंक को होने वाले इस मुनाफे से आने वाले दिनों में कर्ज की दर कम होने की गुंजाइश रहेगी. झारखंड प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव एस.आर.रिज़वी छब्बन कहते हैं कि नोटबंदी के परिणामस्वरूप बैंकों में काफी मात्रा में रुपये जमा हुए ,खुद सरकार और रिज़र्व बैंक ने इस बात को स्वीकारा है.ऐसी स्थिति में बैंकों को बचत खातों में ब्याज दर घटा कर आम खाताधारकों के साथ अन्याय नहीं करना चाहिए.
मंगलवार, 1 अगस्त 2017
एक करोड़ से ऊपर वालों पर स्टेट बैंक मेहरबान
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