लालू ने बीपीएससी अध्यक्ष और विधान पार्षद बनाने के लिए भी लिखवाई जमीन : सुशील कुमार मोदी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 20 अगस्त 2017

लालू ने बीपीएससी अध्यक्ष और विधान पार्षद बनाने के लिए भी लिखवाई जमीन : सुशील कुमार मोदी

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पटना 20 अगस्त, बिहार के उप मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के खिलाफ आज एक और नया खुलासा करते हुए कहा कि उन्होंने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी ) का अध्यक्ष और राज्यपाल कोटे से विधान परिषद का सदस्य बनाने के एवज में पटना में करोड़ो रुपये की जमीन लिखवाई है। श्री मोदी ने यहां पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में इससे संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराते हुए कहा कि राजद अध्यक्ष ने काम करने के बदले जमीन और सम्पत्ति लिखवाने के लिये नये-नये तरीके इजाद किये। सम्पत्ति लिखवाने के लिये मुखौटा कम्पनियों, गिफ्ट के माध्यम से जमीन फिर सीधे तौर पर जमीन और इसके बाद पॉवर ऑफ अटार्नी के माध्यम से जमीन लिखवाई गयी। उन्होंने कहा कि लोगों को उनकी इस कारगुजारी का पता नहीं चल सके इसके लिये नये -नये तरीके अपनाये गये। श्री यादव के पैसे कमाने के कारनामे को देखकर श्री रॉबर्ट वाड्रा को भी शर्म आ जायेगी और इसमें वह उनके भी गुरू हैं। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री रामाश्रय प्रसाद यादव को बीपीएसी का अध्यक्ष बनाने के एवज में पटना के सगुना मोड़ के निकट 6,726 वर्ग फुट के दो प्लॉट वर्ष 1993-94 में लिखवा लिया गया। इस प्लॉट को लिखवाने के लिये मोहम्मद शमीम और उनकी पत्नी सोफिया तबस्सुम का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा कि श्री रामाश्रय प्रसाद यादव की पुत्री सीमा यादव तथा उनके पुत्र संजय यादव से पटना के सगुना मोड़ स्थित विजय बिहार को-ऑपरेटिव के दोनों प्लॉट को मोहम्मद शमीम तथा उनकी पत्नी के नाम रजिस्ट्री करवायी गयी। 


श्री मोदी ने कहा कि इसके बाद 13 मई 2005 को मो. शमीम और उनकी पत्नी सोफिया ने दोनों प्लॉट को पॉवर ऑफ अटार्नी के माध्यम से राजद अध्यक्ष की पत्नी राबड़ी देवी को सुपुर्द कर दिया। मो. शमीम से यह सेवा लेने के बदले उन्हें वर्ष 1998 में राज्यपाल के कोटे से विधान परिषद में मनोनीत करवा दिया गया। उन्होंने कहा कि मो. शमीम को दो वर्ष के लिये परिषद का सदस्य बनाया गया। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राजद अध्यक्ष की पत्नी ने अब इन दोनों प्लॉट पर कब्जा कर लिया है। पॉवर ऑफ अटार्नी के दस्तावेज में लिखा गया है कि श्रीमती राबड़ी देवी उनकी जमीन की देखभाल करेंगी तथा वह जमीन को किराये पर लगाकर पैसा वसूल सकती हैं। इसी तरह यह भी लिखा गया है कि मो. शमीम के बदले न्यायालय में उपस्थित होने, मुकदमा लड़ने का काम भी वह करेंगी। श्री मोदी ने कहा कि श्री यादव को बीपीएससी का अध्यक्ष बनाने के एवज में मो. शमीम के नाम से जमीन लिखवाना और फिर उन्हें राज्यपाल कोटे से मनोनीत करने के बदले उस जमीन को पॉवर ऑफ अटर्नी के माध्यम से खुद मालिक बन जाना यह राजद अध्यक्ष का नये- नये तरीके हैं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री की जमीन की दूसरे लोग देखभाल करते हैं लेकिन यहां पूर्व मुख्यमंत्री दूसरों की जमीन की देखभाल करती हैं जैसे वह चौकीदार हों। 

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बीपीएससी के अध्यक्ष बनाने के एवज में पटना शहर की दो बेशकीमती प्लॉट, जिनकी कीमत आज लगभग तीन करोड़ रुपये से अधिक है अपने सबसे विश्वासी मो. शमीम के नाम लिखवायी गयी। इसके बाद मो. शमीम को राज्याल कोटे से विधान परिषद का सदस्य बनाने के लिये उक्त दोनों करोड़ों रुपये का प्लॉट का पावर ऑफ अटर्नी ले लिया गया। उन्होंने कहा कि दोनों ही प्लॉट पर राजद अध्यक्ष की पत्नी का कब्जा ही नहीं बल्कि उसे वह अपनी सम्पत्ति भी बता रही हैं। श्री मोदी ने कहा कि पावर ऑफ अटर्नी में गवाह के रूप में राजद के लम्बे समय तक कोषाध्यक्ष और विधान परिषद के सदस्य रहे राकेश रंजन का हस्ताक्षर हैं। इससे यह पता चलता है कि इस मिलीभगत में श्री रंजन भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला मई 2005 का है जब श्रीमती राबड़ी देवी का मुख्यमंत्री का कार्यकाल कुछ दिन पूर्व ही समाप्त हुआ था। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राजद अध्यक्ष की पत्नी ने चुनाव आयोग में दिये गये सम्पत्ति के ब्योरे में इन दो प्लॉटों का उल्लेख किया है। श्रीमती राबड़ी देवी को पावर ऑफ अटर्नी मिला था न कि उनके नाम से जमीन की रजिस्ट्री की गयी थी। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि राजद अध्यक्ष को काम कराने के बदले जमीन और सम्पत्ति लिखवाने के लिये नये- नये तरीके अपनाने के लिये पुरस्कार मिलना चाहिए। आयकर विभाग के अधिकारी भी श्री यादव के इन तरीकों को समझ नहीं सकते हैं कि उन्होंने इसके जरिये कितना कालाधन जमा किया है और अवैध रूप से कितनी जमीन हथिया ली है। 

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