दुमका (अमरेन्द्र सुमन) जिला समाज कल्याण कार्यालय, दुमका द्वारा विश्व स्तनपान सप्ताह 2017 मनाया गया प्रत्येक वर्ष जिला समाज कल्याण कार्यालय, दुमका के द्वारा 01 अगस्त से 07 तक विष्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है। कार्यक्रम का शुभारंभ उपायुक्त, दुमका मुकेश कुमार, उप विकास आयुक्त, शशिरंजन, नगर परिषद अध्यक्षा, अमिता रक्षित, अनुमंडल पदाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, श्वेता भारती, के द्वारा संयुक्त रुप से दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस अवसर पर सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, तेजस्विनी परियोजना के राजीव रंजन, अमित कुमार, आईएसएसएनआईपी के संतोष कुमार, संुधाकर केशरी, युनिसेफ के मेरी टुडू, वल्र्ड विजन इंण्डिया के मैनेजर सत्यजीत पात्रो एवं टीम, महिला पर्यवेक्षिका, सेविका, पोषण सखी एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। उपायुक्त मुकेश कुमार ने सभा को संबोधित कारते हुए विश्व स्तनपान सप्ताह के महत्व को समझाया। जन्म के पहले घंटे के अन्दर बच्चे का स्तनपान सूनिश्चित करें । 06 माह तक सिर्फ स्तनपान कराये बच्चे को, उपरी दूध, पानी, मधु, घी आदि कुछ भी न दे। दो साल तक स्तनपान जारी रखते हुए सफ्लीमेंटरी फूड देना है। 30 प्रतिशत नवजात शिशू की जान की सुरक्षा माता के द्वारा 1 घंटे के अंदर स्तनपान कराकर किया जा सकता है। स्तनपान से दस्त, दमा, कुपोषण, संास संबंधित समस्याओं, ऐलर्जी और त्वचा संबंधित रोगो से बचाव होता है। माँ और बच्चे का भावनात्मक रिश्ता मजबूत होता है। न केवल ग्रामीण बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी जागरूकता की आवश्यकता है। स्तनपान सप्ताह के दौरान माताओं को काउंसेलिंग एवं प्रशिक्षण का जो कार्यक्रम चलाया जा रहा है उसे जारी रखा जाय। अनुमंडल पदाधिकारी, दुमका के द्वारा ‘‘माँ का दुध सर्वोतम आहार है’’ के बारे में बतलाते हुए पोषण सखी, सेविका एवं माताओं की भूमिका को रेखांकित किया गया। नगर परिषद अध्यक्षा ने संबोधित करते हुए स्तनपान से होने वाले आर्थिक लाभ को समझाया। विशेष अतिथि उप विकास आयुक्त, दुमका के द्वारा विश्व स्तनपान सप्ताह को मनाने की आवश्यकता एवं शिशु मृत्यु दर के कारणो पर प्रकाश डाला गया। जिला समाज कल्याण पदाधिकारी के द्वारा विश्व स्तनपान सप्ताह के उदेश्यों को समझाया गया। इसके अलावा यूनिसेफ के क्षेत्रिय समन्वयक एवं वल्र्ड विजन इंडिया के द्वारा सभा को संबोधित किया गया। इस कार्यक्रम में उपायुक्त महोदय द्वारा सभी प्रखण्ड से एक-एक सेविका को उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सम्मानित किया गया एवं पाँच स्वस्थ षिषु व उनके माताओं को सम्मानित किया गया।
जिला जल एवं स्वच्छता समिति की मासिक समीक्षात्मक बैठकः- समाहरणालय सभागार में उपविकास आयुक्त की अध्यक्षता में जिला जल एवं स्वच्छता समिति की मासिक समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गयी। बैठक में शौचालय निर्माण की धीमी प्रगति पर असंतोष प्रकट करते हुए उप विकास आयुक्त ने निदेश दिया कि कृषि कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। अब मजदूर मिस्त्री की समस्या नहीं है। शौचालय निर्माण में तेजी लायें। 09 से 15 अगस्त तक खुले में शौच से आजादी सप्ताह सघन रूप से मनाया जाय। इसके अंतर्गत नुक्कड नाटक के माध्यम से लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जायेगा। स्कूल एवं आंगनबाडी के बच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूक कर स्वच्छता प्रेरक के रूप में गांव एवं पंचायतों में एक स्वच्छता का माहौल बनाया जायेगा साथ ही साथ पंचायत भवन में स्वच्छता से संबंधित फिल्म प्रर्दशन कर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक कर पंचायत को खुले से शौच मुक्त बनाने में उनकी अहम भूमिका ली जायेगी। अबतक जो भी स्वच्छता के क्षेत्र में अपने गाॅव पंचायतों को खुले से शौच मुक्त बनाने में अहम भूमिका निभाये है उन्हें चिन्हित कर 15 अगस्त के दिन पुरस्कृत किया जायेगा। प्रखंड समन्वयक एवं कनीय अभियंता को उपयोगिता प्रमाण-पत्र जमा करने का निदेश दिया गया। एक सप्ताह के भीतर स्लीप बैक की सर्वे सूची पूर्ण कर लिया जाय। शौचालय निर्माण में जिन मुखिया द्वारा लापरवाही बरती जा रही है उनका वित्तीय शक्ति छीन कर उस पंचायत के उपमुखिया को वित्तीय अधिकार दे दिया जायेगा। बैठक में उपविकास आयुक्त षिषिरंजन के अलावा डीआरडीए डायरेक्टर दिलेश्वर महतो, कार्यपालक अभियंता पीएचईडी 2 के के वर्मा, जिला समन्नवयक सरस्वती भाई, नदीम, आदि उपस्थित थे।
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