पटना 04 सितंबर, बिहार के वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि सरकार राज्य में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को पूरा करने के लिए इस वर्ष राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) से 2100 करोड़ रुपये ऋण लेगी। श्री मोदी ने आज यहां नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत संरचना जैसे सड़क, पुल-पुलिया, सिंचाई के साधानों और विद्युत क्षेत्र से जुड़ी परियोजनाओं में नाबार्ड के ऋण की बड़ी भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि नाबार्ड का ऋण बाजार से काफी सस्ता होने के कारण इस साल सरकार का नाबार्ड से 2100 करोड़ रुपये ऋण लेने का लक्ष्य है। वित्तमंत्री ने बताया कि पिछले साल राज्य सरकार ने 21,576 करोड़ रुपये का ऋण लिया था जिसमें 1,517 करोड़ का कर्ज नाबार्ड से जबकि 17,700 करोड़ रुपये बाजार से उगाही गई थी। उन्होंने बताया कि नाबार्ड से लिए गए ऋण पर मात्र 4.75 प्रतिशत जबकि बाजार ऋण पर औसत 7.38 प्रतिशत की दर से ब्याज देना पड़ा है। श्री मोदी ने बताया कि नाबार्ड दीर्घकालीन सिंचाई परियोजनाआें के लिए 20 हजार करोड़ रुपये तक के ‘कॉरपस फंड’ के लिए मात्र छह प्रतिशत ब्याज पर ऋण दे सकता है। उन्होंने कहा कि 25 वर्षों से अधर में लटकी उत्तरी कोयल जलाशय परियोजना को नाबार्ड से ऋण लेकर पूरा किया जा सकेगा। इस परियोजना के लिए 16 अगस्त को केंद्र सरकार ने 1,622 करोड़ रुपये की स्वीकृति दे दी है। इससे झारखंड और बिहार के छह जिलों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी। वित्तमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार समीक्षा कर रही है कि नाबार्ड के ऋण से पूर्व में स्वीकृत 1,100 करोड़ रुपये की 148 परियोजनाओं में से कई अभी तक शुरू क्यों नहीं हो पाई हैं या उनमें से कई परियोजनाओं की गति धीमी क्यों है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहली बार वृक्षारोपण से जुड़ी 600 करोड़ रुपये की परियोजना के लिए नाबार्ड को रिपोर्ट भेजी है। आने वाले दिनों में सरकार वेटनरी अस्पताल, दुग्ध चूर्ण प्रसंस्करण इकाई, दुग्ध संग्रहण केन्द्र और मिट्टी जांच केन्द्र की स्थापना के लिए भी नाबार्ड से ऋण लेगी।
सोमवार, 4 सितंबर 2017
बिहार सरकार इस साल नाबार्ड से लेगी 2100 करोड़ ऋण : सुशील मोदी
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