जीएसटी में रियायत ‘ऊंट के मुंह में जीरा’: कांग्रेस - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 7 अक्तूबर 2017

जीएसटी में रियायत ‘ऊंट के मुंह में जीरा’: कांग्रेस

congress-speaks-on-gst
नयी दिल्ली 07 अगस्त, कांग्रेस ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से सम्बन्धित कल घोषित राहतों को ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ करार देते हुए कहा है कि यह कदम गुजरात विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर उठाया गया है, लेकिन इसमें कृषि तथा कपड़ा क्षेत्र को रियायत न देकर मोदी सरकार ने आम जनता को एक बार फिर निराश किया है।  कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आज यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित विशेष प्रेस कांफ्रेंस में जीएसटी के तहत कुछ वर्गाें को दी गयी अंतरिम राहत का स्वागत किया, लेकिन सबसे ज्यादा राेजगार देने वाले कृषि एवं कपड़ा क्षेत्र तथा आम आदमी के इस्तेमाल की वस्तुओं मे राहत न देने के लिए सरकार की आलोचना की। श्री सुरजेवाला ने कहा कि यह उम्मीद की जा रही थी कि प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के गहन विचार विमर्श के बाद जीएसटी से बढ़ी मंहगाई से परेशान आम जनता को कुछ राहत देंगे, लेकिन यह मात्र चुनाव की तैयारी नजर आया। सरकार पर जीएसटी से जुड़े ढांचागत मुद्दों को सुलझाने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि कल ठोस फैसले लेेने की बजाय टीडीएस एवं टीसीएस रिवर्स चार्ज प्रणाली तथा इ-वे बिल जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को मार्च-अप्रैल 2018 तक टाल दिया गया है।

कोई टिप्पणी नहीं: