- बंदोबस्ती के लिए 100 हेक्टेयर की सीमा तय
पटना 20 दिसम्बर, बिहार सरकार ने राज्य में बालू के अवैध खनन पर रोक लगाने के उद्देश्य से नए बंदोबस्ती के लिए 100 हेक्टेयर की सीमा तय की है । राज्य के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बालू के अवैध खनन के कारण पर्यावरण पर प्रतिकूल असर को देखते हुए इसके खनन के संबंध में नई नियमावली बनायी गयी थी लेकिन इसके कुछ प्रावधान के कारण उच्च न्यायालय ने फिलहाल इसपर रोक लगा दी है। 23 जनवरी को इस पर अगली सुनवाई है और जब तक इस पर अंतिम फैसला नहीं आ जाता है तब तक पुराने नियम से बालू खनन का कार्य जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सरकार ने फैसला लिया है कि अब खनन के एक लाइसेंसधारी को अधिकतम 100 हेक्टेयर ही खनन करने का अधिकार मिलेगा । श्री सिंह ने कहा कि पहले एक व्यक्ति या एक कम्पनी को हजारों एकड़ में खनन करने का अधिकार मिलता था जिसके कारण अवैध खनन पर नजर पर कठिनाई होती थी । उन्होंने कहा कि जिनका अवैध खनन या अन्य कारणों से लाइसेंस रद्द हो गया था, उनके मामलों को निपटारा पुराने नियमों से ही किया जायेगा। तत्काल पुराने रद्द घाटों समेत नये घाटों की बंदोबस्ती की जायेगी तथा पूर्व के बंदोबस्तधारी जब तक नियम के विरूद्ध नहीं जाते हैं तब तक उनके लाइसेंस की अवधि रहने तक उनका बंदोबस्त जारी रहेगा। मुख्य सचिव ने कहा कि आज बालू की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की । बैठक में यह तथ्य सामने आया कि अवैध खनन की समस्या है । लोग मात्रा से ज्यादा खनन कर लेते हैं और गहराई के मानक का भी घोर उल्लंघन करते हैं जिससे किसानों को सिंचाई में कठिनाई होती है तथा सरकारी राजस्व की भी क्षति होती है। इसी के मद्देनजर जब तक पटना उच्च न्यायालय का स्थगन आदेश रद्द नहीं होता है तब तक पुराने नियमों के तहत बालू के खनन एवं भंडारण का नियम लागू किये जाने का निर्णय लिया गया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें