पटना 22 जनवरी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आह्वान पर बाल विवाह और दहेज प्रथा को लेकर आयोजित मानव श्रृंखला को “सुपर फ्लॉप” करार देते हुए राज्य सरकार से इस पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की। श्री तिवारी ने आज यहां पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि श्री कुमार की पहल पर दहेज और बाल विवाह के खिलाफ कल बनायी गयी मानव श्रृंखला पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुयी है। राज्य सरकार को इसे आयोजित किये जाने में हुये खर्च पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) का यह दावा करना कि मानव श्रृंखला में करोड़ों लोग शामिल हुए हैं तो ऐसे में 40 ड्रोन के माध्यम से ली गयी तस्वीर को भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए। पूर्व सांसद ने कहा कि ड्रोन से ली गयी तस्वीर को सार्वजनिक करने से लोगों को सच्चाई का पता चल जायेगा और इससे झूठा बयान देकर बाहवाही लूट रहे जदयू नेताओं की पोल भी खुल जायेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पिछले कुछ सप्ताह से समीक्षा यात्रा कर रहे हैं और इस पर हो रहे सरकारी खर्च पर भी श्वेत पत्र जारी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों को यह जानने का अधिकार है कि मानव श्रृंखला बनाने और समीक्षा यात्रा में कितनी राशि खर्च हुयी और इसका क्या परिणाम निकला।
श्री तिवारी ने कहा कि वह चाहते थे कि श्री कुमार प्रधानमंत्री बने लेकिन उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बजाये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिलाकर “कूड़ेदान” में जाना पसंद किया। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री कुमार को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दिये जाने पर चुटकी लेते हुए कहा कि उन्हें किससे डर है। पूर्व सांसद ने कहा कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा हटाये जाने पर श्री कुमार ने ट्वीट किया था कि कुछ लोगों में सुरक्षाकर्मियों की बदौलत रौब गांठने की प्रवृत्ति होती है। उन्होंने यह भी व्यंग किया था कि राज्य सरकार की ओर से पुख्ता सुरक्षा उपलब्ध कराये जाने के बावजूद श्री यादव को जेड प्लस सुरक्षा की क्या आवश्यक्ता थी। श्री तिवारी ने कहा कि श्री यादव ने मंडल आयोग की अनुशंसा को लागू कराने के लिए संघर्ष किया था । इस लिहाज से कुछ तबकों की ओर से उन्हे जान का खतरा हो सकता है, लेकिन श्री कुमार ने ऐसी कौन सी सामाजिक क्रांति का नेतृत्व किया है जिसके लिए उन्हें जान पर खतरा हो। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद श्री कुमार ने बंधोपाध्याय आयोग का गठन किया था और कहा था कि वह आयोग की अनुशंसा को हर हाल में लागू करेंगे चाहे इसके लिए गोली भी क्यों न खानी पड़े । बाद में वह इसे लागू करने से मुकर गये।
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