एकल ब्रांड में शत प्रतिशत एफडीअाई का विपक्षी दलों ने किया विरोध - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 10 जनवरी 2018

एकल ब्रांड में शत प्रतिशत एफडीअाई का विपक्षी दलों ने किया विरोध

opposition-parties-protest-against-100-p-c-fdi-in-single-brand
नयी दिल्ली 10 जनवरी, कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी तथा व्यापार संगठनों ने एकल ब्रांड खुदरा कारोबार में सौ प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति देने के सरकार के फैसले का कड़ा विरोध करते हुए कहा है कि इससे छोटे घरेलू दुकानदारों के सामने रोजी -रोटी का संकट पैदा हो जाएगा । अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ ने जहां इस फैसले का स्वागत किया है वहीं रिटेलर्स एसोसिएशन आफ इंडिया ने इसका स्वागत किया है । कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आरपीएन सिंह ने यहां पार्टी की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में भाजपा पर एफडीआई को लेकर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष में रहते हुए वह इसका प्रचंड विरोध करती थी और अब उसने यू टर्न ले लिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने एफडीआई के मामले में बहुुत सावधानी बरती और इसे लेकर सुरक्षात्मक उपाय भी किए थे लेकिन मोदी सरकार ने इन सभी उपायों को हटा दिया है। कांग्रेस सरकार का मकसद एफडीआई के जरिए मौजूदा संपत्ति का इस्तेमाल कर देश को फायदा पहुंचाना था लेकिन मोदी सरकार के फैसलों से साफ है कि उसे इसकी परवाह नहीं है। माकपा पाेलित ब्यूरो ने एक बयान में इस फैसले पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि इससे घरेलू खुदरा व्यापारियों और दुकानदारों को खतरनाक परिणामों का सामना करना पड़ेगा। माकपा ने अाशंका जतायी कि मोदी सरकार बहुब्रांड खुदरा व्यापार में भी एफडीआई की अनुमति देने की अोर बढ़ रही है।पार्टी ने कहा कि भाजपा ने एफडीआई पर यू टर्न लिया है जिससे उसका पाखंड सामने आ गया है । अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) ने खुदरा कारोबार के दरवाजे विदेशी कंपनियों के लिए पूरी तरह खोल दिए जाने का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि इससे करोडों छोटे दुकानदारों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जायेगा। कैट के अध्यक्ष बी.सी. भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि छोटे दुकानदारों की रोजी-रोटी बचाने के लिए जल्दी ही राष्ट्रव्यापी रणनीति का ऐलान किया जायेगा। उन्होंने इस फैसले को चुनावी वादा तोड़ने वाला करार देते हुए कहा कि छोटे दुकानदारों को राहत के लिए कदम उठाने की बजाय सरकार उनकी रोजी-रोटी पर कुठाराघात कर रही है। सरकार के इस फैसले से बड़े पैमाने पर बेरोजगारी फैलेगी और छोटे दुकानदारों को अपना कारोबार समेटना पड़ेगा। रिटेलर्स एसोसिएशन आफ इंडिया ने सरकार के इस कदम को खुदरा क्षेत्र तथा देश की अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक बताया है।  गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज एकल ब्रांड खुदरा कारोबार में बगैर सरकार की अनुमति के शत-प्रतिशत विदेशी निवेश को मंजूरी दे दी है।

कोई टिप्पणी नहीं: