चेन्नई, 12 फरवरी, तमिलनाडु विधानसभा अध्यक्ष पी. धनपाल ने सोमवार को सदन में दिवगंत पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की तस्वीर का अनावरण किया। इस दौरान कुछ विपक्षी पार्टियों ने यह कहते हुए समारोह का बहिष्कार किया कि इस तरह का सम्मान दोषसिद्ध होने के बाद सजा पा चुके व्यक्ति को नहीं दिया जाना चाहिए। तस्वीर का अनावरण मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी, उप मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम और राज्य के दूसरे मंत्रियों की उपस्थिति में किया गया। समारोह को संबोधित करते हुए पलनीस्वामी ने कहा कि जब तक पृथ्वी रहेगी तक तक जयललिता की ख्याति बरकरार रहेगी। उन्होंने कहा कि जयललिता ने कर्नाटक के साथ कावेरी नदी जल विवाद के मुद्दे पर नदी के पानी को साझा करने को लेकर राज्य के अधिकार को फिर से स्थापित किया था। पलनीस्वामी ने कहा कि जयललिता के लिए स्मारक का निर्माण करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। द्रमुक, कांग्रेस और आईयूएमएल के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने समारोह का बहिष्कार किया और कहा कि विधानसभा हाल में भ्रष्टाचार के मामले में दोषी व्यक्ति की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए। द्रमुक नेता एम. के. स्टालिन ने कहा कि जयललिता आय से अधिक संपत्ति मामलों में 'नंबर एक की' आरोपी थीं और उन्हें इस मामले में दोषी करार दिया गया था। बेंगलुरू की एक निचली अदालत ने जयललिता, उनकी करीबी वी.के. शशिकला और दो अन्य को मामले में आरोपी ठहराया था और और दोषी करार दिया था। बाद में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सभी को बरी कर दिया था लेकिन फिर शीर्ष अदालत ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था। शीर्ष अदालत के फैसले से पहले ही जयललिता की मौत हो गई थी, इस कारण उन्हें जेल नहीं जाना पड़ा जबकि मामले में तीन अन्य लोग कर्नाटक की जेल में अपनी सजा काट रहे हैं। स्टालिन ने कहा कि जयललिता की तस्वीर विधानसभा में लगी अन्य नेताओं की तस्वीरों के लिए अपमानजनक होगी जिनमें तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्रियों, महात्मा गांधी, भीम राव अंबेडकर और अन्य राष्ट्रीय नेताओं की तस्वीर लगी हुई है। डीएमडीके, पीएमके जैसी अन्य पार्टियों ने भी जयललिता की तस्वीर के अनावरण का विरोध किया जबकि भारतीय जनता पार्टी ने सरकार के कदम का समर्थन किया।
सोमवार, 12 फ़रवरी 2018
तमिलनाडु विधानसभा में जयललिता की तस्वीर का अनावरण
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