जनांदोलन 2018 में शामिल होंगे छत्तीसगढ़ से दस हजार भूमिहीन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 10 फ़रवरी 2018

जनांदोलन 2018 में शामिल होंगे छत्तीसगढ़ से दस हजार भूमिहीन

तैयारी के प्रमुख बिन्दु
* 75 क्विंटल अनाज 40 हजार रूपये ।
* 9500 सदस्य ।
* 50000 हस्ताक्षर, महामहिम राष्ट्पति के नाम ।
* 2000 ग्राम सभाओं से अनुमोदन ।
* 12000 वनभूमि के व्यक्तिगत दावे ।
* 100 गांवों में सामुदायिक दावे 
* 20 जिलों में समानान्तर जनांदोलन ।

landless-revolution-raypur
तिल्दा-रायपुर/एकता परिषद के तत्वाधान में आयोजित भूमि अधिकार संसद के दूसरे दिन छत्तीसगढ़ के 20 जिलों से आये एकता परिषद के मुखियाओं ने जनांदोलन 2018 के तैयारी को लेकर हो रहे गांव-गांव में प्रचार-प्रसार एवं विभिन्न तैयारी के संबंध में अपने-अपने प्रस्तुती मंच के माध्यम से साझा किया ।  मुखियाओं के प्रस्तुतीकरण के संगठन के पूर्व अरूण कुमार ने अपनी बात रखते हुए कहा कि एकता परिषद छत्तीसगढ़ में जिन मुद्दों को लेकर हम-सब काम कर रहे हैं, उन पर गंभीरतापूर्वक विचार-विमर्श एवं भावी रणनीति बनाने की आवश्यकता है ।  इसके अलावा जनांदोलन के नेतृत्वकर्ता राजगोपाल जी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य में चुनाव होने जा रहे हैं ।  इस अवसर का लाभ लेते हुए समस्त राजनैतिक पार्टियों के साथ संवाद स्थापित कर जमीन एवं पूर्ण शराबबंदी के मुद्दे को घोषणा पत्र में शामिल करने हेतु दबाव बनायें, ताकि प्रत्येक परिवार को आवास हेतु 10 डिसमिल जमीन और खेती के लिए 5 एकड़ जमीन मिल सके ।  छत्तीसगढ़ में जिस तरह से गांव-गांव को उजाड़कर उनकी जमीन उद्योगपतियों को दे रहे हैं, इससे गांव और गरीब की हालत तेजी से खराब होती जा रही है ।  सभा में उपस्थित नेता प्रतिपक्ष टी.एस.सिंहदेव को संबोधित करते हुए कहा कि गांधी विचारों और सिद्धांतो पर आधारित अंतिम व्यक्ति के लिए जन कल्याणकारी घोषणा पत्र तैयार हो ताकि सुन्दर छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया जा सके ।  वर्तमान सरकार लोगों को स्वावलम्बी बनाने के बजाय परावलम्बी बना रहे हैं।  लोगों के हाथ से जीवन जीने के तमाम संसाधन छीना जा रहा है । एकता परिषद का हमेशा प्रयास रहा है कि लोगों को हक और अधिकार मिले ताकि खुशहाल जीवन जी सके । गठन के लम्बे संघर्ष के बाद सरकार के साथ कई मुद्दोें पर समझौता हुआ था, लेकिन आज तक उन वादों और समझौंतों पर अमल नहीं हुआ ।  इस पर पुनः दबाव बनाने के लिए 2 अक्टूबर 2018 से देशभर से दस लाख भूमिहीन वंचित समुदाय के सत्याग्रही पलवल से दिल्ली पदयात्रा करने जा रहे हैं ।  हम आशा और विश्वास करते हैं कि जनता के मुद्दों को राजनैतिक दल अपने घोषणा पत्र में शामिल करें ।  

सभा में उपस्थित नेताप्रतिपक्ष टी.एस. सिंहदेव ने राजगोपाल जी द्वारा उठाये गये तमाम मुद्दों और जन कल्याणकारी बातों को शत्-प्रतिशत समर्थन करते हुए घोषणा पत्र में शामिल करने की सहमति जाहिर की, साथ ही जन समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि गांव-गांव में सर्वे कर भूमि की उपलब्धता को तलाश करें ।  छत्तीसगढ़ में जो खदान और उद्योग विनाशकारी एवं प्रदूषण फैलाने वाले हैं, उनको बंद करने का कार्य किया जायेगा ।   आगरा समझौता एवं स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट पर सरकार द्वारा गंभीरता पूर्वक विचार कर उचित क्रियान्वयन किया जायेगा ।  सम्मेलन के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष टी.एस. सिंहदेव, पूर्व केन्द्रीय मंत्री चरणदास महंत, महासमुन्द विधायक विमल चोपड़ा, जैजेैपुर विधायक केशव चन्द्र, किसान नेता राजू शर्मा ने अपनी बात रखते हुए जनांदोलन को समर्थन दिया ।  छत्तीसगढ़ के अलावा मध्यप्रदेश के वरिष्ठ साथी संतोष सिंह, सरोज बहन, श्रद्धा बहन एवं अनीस भाई, रनसिंह भाई ने भाग लिया । सम्मेलन के अंतिम सत्र में गांव-गांव से आये ग्रामीण मुखिया एवं अतिथियों ने जनांदोलन 2018 को सफल बनाने के लिए छत्तीसगढ़ से दस हजार भूमिहीनों को शामिल कराने का संकल्प लिया ।  एकता परिषद के राष्ट्र्ीय कमेटी के सदस्य मीना बहन ने आभार व्यक्त किया । उक्त बातों की जानकारी मीडिया प्रभारी पीलाराम पटेल ने दी ।  

कोई टिप्पणी नहीं: