पटना 10 फरवरी , बिहार में एक लोकसभा और दो विधानसभा सीटों के उप चुनाव के ऐलान के बाद से राज्य में सियासी सरगर्मी काफी बढ़ गयी है और सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के एक घटक हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने जहानाबाद विधानसभा सीट पर अपना दावा ठोकते हुए कहा है कि उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया तो आठ अप्रैल को गांधी मैदान में होने वाली जनसभा में पार्टी अलग राह चुनने का फैसला ले सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री श्री मांझी ने आज यहां कहा कि जहानाबाद में उनकी पार्टी सबसे मजबूत स्थिति में है। उनकी पार्टी के उम्मीदवार की जीत पक्की है। उन्होंने कहा कि राजग नेताओं के समक्ष पार्टी ने अपनी दावेदारी पेश कर दी है और उन्हें न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है। श्री मांझी ने कहा कि उनकी कुछ मांगें हैं जिसे नहीं माना गया तो वह 08 अप्रैल को गांधी मैदान की रैली में बड़ा ऐलान करेंगे। उन्होंने कहा कि उनके मुख्यमंत्री रहते हुये लिए गये फैसलों को नीतीश सरकार लागू करे। जबतक उन फैसलों पर अमल शुरू नहीं होता है तब तक वह चैन से नहीं बैठेंगे।
हम प्रमुख से जब श्री लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ जाने को लेकर लगायी जा रही अटकलों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें किसी दल से कोई दिक्कत नहीं है। जो उनकी शर्तों को मानेगा, वह उसका साथ देंगे। इस बीच राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि श्री मांझी का राजद में स्वागत है। उनका फैसला गरीब और बिहार की आम जनता के हित में है। बिहार में राजद की सरकार बनी तो वह श्री मांझी की मांगों को पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि श्री लालू प्रसाद यादव भी श्री मांझी को दिल से मानते हैं और उनका बड़ा सम्मान करते हैं। वहीं, कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि श्री मांझी यदि जहानाबाद विधानसभा की सीट पार्टी के लिए चाहते हैं तो ऐसे में उदारतापूर्वक राजग को यह सीट उन्हें दे देनी चाहिए। श्री मांझी की राजग में असमंजस की स्थिति बनी हुयी है। उन्होंने कहा कि यदि श्री मांझी राजग से नाता तोड़कर कांग्रेस में आते हैं तो उनका स्वागत है क्योंकि वह कांग्रेसी परिवेश के नेता रहे हैं। उधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि श्री मांझी राजग के वरिष्ठ नेता हैं और वह लगातार राजग नेताओं के संपर्क में हैं। लोकसभा और विधानसभा का उपचुनाव राजग की सभी पार्टियां मिलकर ही लड़ेंगीं।
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