उज्ज्वला से मजबूत हो रहा नारी सशक्तिकरण : राष्ट्रपति - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 13 फ़रवरी 2018

उज्ज्वला से मजबूत हो रहा नारी सशक्तिकरण : राष्ट्रपति

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नयी दिल्ली 13 फरवरी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि गरीब परिवारों को नि:शुल्क रसोई गैस देने के लिए शुरू की गयी उज्ज्वला योजना नारी सशक्तिकरण को मजबूती प्रदान कर रही है और इससे करीब 15 करोड़ की आबादी रसोई गैस के धुएँ से मुक्ति पा चुकी है। श्री कोविंद ने ‘उज्ज्वला’ योजना के लाभार्थियों, तेल विपणन कंपनियों तथा योजना से जुड़े विभिन्न हितधारकों को एक मंच पर लाने के प्रयास के तहत यहाँ राष्ट्रपति भवन में आयोजित पहली ‘प्रधानमंत्री एलपीजी पंचायत’ में यह बात कही। उन्होंने कहा “उज्ज्वला योजना महिलाओं के स्वास्थ्य, समय, ऊर्जा और रुपये-पैसे की दृष्टि से लाभ पहुँचाते हुये नारी सशक्तिकरण को मजबूती प्रदान कर रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट कहती है कि चाहरदीवारी के अंदर की हवा के प्रदूषण से भारत में हर साल तकरीबन पाँच लाख लोग असमय मृत्यु का शिकार बन जाते हैं। पूरे देश के लिए खुशी की बात है कि ‘उज्ज्वला योजना’ की सहायता से अब तक तीन करोड़ 40 लाख से अधिक परिवारों को तकलीफ़ों से मुक्ति मिल गई है। अब 3.40 करोड़ महिलाओं समेत लगभग 14 से 15 करोड़ की आबादी रसोई-घर के धुएँ से आजाद हो गई है।” उन्होंने बताया कि 31 मार्च 2019 तक देश भर में ऐसी एक लाख पंचायतों के आयोजन की योजना है। ये पंचायतें योजना की सफलता में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायेंगी। गाँव की महिलाएँ जब चूल्हे पर कोयले या लकड़ी का इस्तेमाल कर खाना पकाती हैं तो उसका धुआँ उनकी आँखों और फेफड़ों को खराब कर देता है। उनकी आँखों की रौशनी तक चली जाती है। दमे की बीमारी होना आम बात है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक चूल्हों पर खाना पकाते समय कभी-कभी दुर्घटना भी हो जाती है। राष्ट्रपति ने कहा “जो महिलाएँ एलपीजी से वंचित हैं उन्हें धुएँ का जहर पीना पड़ता है। बेटियाँ बीमार तो पड़ती ही हैं, जो समय वह खेलकूद, पढ़ाई-लिखाई में लगा सकती हैं वह लकड़ियाँ एकत्र करने में चला जाता है।” उन्होंने कहा कि एलपीजी पर खाना पकाने से न सिर्फ समय बचता है, बल्कि उस समय में दूसरे काम करने से परिवार की आमदनी भी बढ़ती है। उन्होंने कहा कि इस योजना का लक्ष्य बढ़ाकर आठ करोड़ कनेक्शन करने से 25 से 30 करोड़ लोगों तक इसका लाभ पहुँच पायेगा।

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