लखनऊ, 15 मई,उत्तर प्रदेश में प्र धानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मंगलवार की शाम एक बड़ा हादसा हो गया। कैंट रेलवे स्टेशन के पास निर्माणाधीन पुल का एक बड़ा हिस्सा गिर जाने से इसकी चपेट में कई वाहन आ गए। चारों तरफ चीख-पुकार और अफरा-तफरी मच गई। राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। अपुष्ट खबरों के मुताबिक, इस हादसे में कम से कम 12 लोगों की मौत हुई है और 50 अन्य के दबे होने की आशंका जताई गई है। मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि पिलर के नीचे दबे 12 लोगों के शव निकाल लिए गए हैं। कुल कितनी मौतें हुई हैं, अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में हुई इस दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन, लोक निर्माण विभाग तथा अन्य संबंधित विभागों को बचाव एवं राहत कार्य युद्धस्तर पर चलाने के निर्देश दिए हैं। राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीम मौके पर मौजूद है। योगी ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि इस हादसे में घायल लोगों की समुचित चिकित्सा व्यवस्था तथा हर संभव मदद सुनिश्चित की जाए। सरकार के प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने पत्रकारों को बताया कि बनारस में हुए हादसे के बाद मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की बैठक के दौरान दुख व्यक्त किया। उन्होंने तत्काल उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और मंत्री नीलकंठ तिवारी को घटनास्थल पर जाने को कहा है। उन्होंने बताया कि स्थानीय अधिकारियों को भी दिशा निर्देश जारी किया गया है। सभी वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल घटनास्थल पर पहुंचने को कहा गया है। जांच के बाद ही पता चल पागा कि यह हादसा कैसे हुआ। वाराणसी जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। मौके पर मौजूद लोगों ने घायलों को बचाना शुरू किया। प्रशासन ने भी बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। यह दुर्घटना वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के पास जीटी रोड पर कमलापति त्रिपाठी इंटर कॉलेज के सामने घटित हुई है। घटनास्थल का नजारा बड़ा ही वीभत्स है। निर्माणाधीन पिलर के नीचे चार कारें, पांच ऑटो, एक सिटी बस और कई मोटरसाइकिल दब गई हैं।
बुधवार, 16 मई 2018
वाराणसी हादसे में 12 लोगों की मौत, 50 के दबे होने का अंदेशा
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