बिहार : बच्चों और महिलाओं पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ शांति मार्च - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 11 मई 2018

बिहार : बच्चों और महिलाओं पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ शांति मार्च

protest-for-saving-life
पटना. शेखपुरा में है इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान.आधुनिक नर्सिंग की जनक हैं फ्लोरेंस नाइटिंगल.इनका जन्मदिन 12 मई को है. अभाव से जूझती नाइटिंगल ने एक हाथ में लालटेन लेकर पीड़ितों की सेवा करती थीं.आज का माहौल बदल गया है.परिस्थियां बदल गयी है. अब तो मानव सेवा करने वाली नर्सेंज  सामाजिक इश्यु को उठाने लगी हैं.महिलाओं व बच्चों पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ समाज में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से हाथ में लालटेन थामने के बदले हाथों में महिला उत्पीड़न के खिलाफ  नारा लिखित  प्ले कार्ड को लेकर चल रहीं थीं. शांति मार्च का शुभारंभ संस्थान के डीन डॉक्टर एस.के.शाही द्वारा किया गया.मार्च में ए.एन.एस.सिस्टर नुपूर सिंह, इंचार्ज एम.डी.आर.अनिभा डे, पैन एण्ड पैलिएटिव की इंचार्ज सिस्टर सुजाता पास्कल के अलावे अन्य नर्सिंग इंचार्ज, नर्सेंज,कर्मचारीगण एवं चिकित्सकों ने हिस्सा लिये. जी हां आई. जी. आई. एम. एस. संस्थान में कार्यरत नर्सेंज शांति मार्च निकाला. मार्च इंदिरा गाँधी  स्मारक से शुरू होकर संस्थान के मुख्य द्वार तक जाने के बाद पुन:  इंदिरा गाँधी स्मारक पास आकर मार्च समाप्त हो गया.

कोई टिप्पणी नहीं: