गरीबों से जुड़ी योजनाओं में कोताही बर्दाश्त नहीं :-मुख्यमंत्री - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 17 मई 2018

गरीबों से जुड़ी योजनाओं में कोताही बर्दाश्त नहीं :-मुख्यमंत्री

  • बैंकों के राज्यस्तरीय प्रमुखों, महाप्रंबधकों, उप महाप्रबंधकों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने दिए कड़े निर्देश

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रांची - दुमका (अमरेन्द्र सुमन)  गरीबों से जुड़ी योजनाओं को तेजी से लागू किया जा रहा है। लेकिन बैंकों से पूरी तरह से सहयोग नहीं मिल रहा है। राशि जमा होने के बाद भी लाभुकों को पूरी राशि नहीं मिल पा रही है। यह उचित नहीं है। इस तरह की कोताही को सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। लोगों को दौड़ाने की सूचना नहीं मिलनी चाहिए। उक्त बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहीं। वे झारखंड मंत्रालय में सभी बैंकों के राज्यस्तरीय प्रमुखों, महाप्रंबधकों, उप महाप्रबंधकों के साथ बैठक बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर सबसे ज्यादा शिकायतें आ रही हैं। कहीं-कहीं लाभुक के खाते में किस्त की राशि आने के बाद भी उन्हें पूरी राशि नहीं दी जा रही है। इससे आवास निर्माण काम धीमा हो जा रहा है। इसे पीछे बैंकों में राशि की कम उपलब्धता को बताया जाता है। ऐसा नहीं होना चाहिए। जब लाभुक  आये, तो तत्काल उसे पूरी राशि दी जायेगी, ताकि वह तेजी से आवास बनवा सके। इसी प्रकार आधार सिडिंग के मामले में मुख्यालय व जिलास्तर पर एक नोडल अधिकारी को लगायें, जो वहीं से बैठकर खातों को आधार से जोड़े। जिन खातों में परेशानी आयेगी, उन्हीं खातों को शाखा में भेजा जाये। बीडीओ द्वारा प्रमाणित करने पर आधार सिडिंग में आनाकानी नहीं की जानी चाहिए। बैंक सखी मंडलों को तबज्जो दें। उसकी मदद से बैंक के काफी काम हो सकते हैं। हर पंचायत भवन या सुरक्षा बलों के कार्यालय में बैंक एटीएम खोलें, ताकि हर किसी को राशि निकालने के लिए बैंक के चक्कर न काटने पड़े। उन्होंने कहा कि वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन आदि के लाभुकों को भी दौड़ाने की सूचना मिलती रहती है। ऐसा नहीं होना चाहिए। थोड़ा संवेदनशील बनें। गरीबों असहाय लोगों को बार-बार न दौड़ायें। इससे सरकार की छवि भी खराब होती है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जहां बैंक सहयोग नहीं कर रहे हैं, वहां कड़ाई करें। लोगों को मुख्यमंत्री जन संवाद 181 पर शिकायत करने के लिए कहें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सखी मंडल को लोन देने में कंजूसी न करें। इनके छोटे-छोटे लोन होते हैं। ये समय से राशि भी लौटाती हैं। लोन मिलने से वे अपने पैरों पर खड़ी हो सकेंगी। मुद्रा लोन में भी डिफॉल्टर काफी कम हैं। ये भी स्वरोजगार के लिए है। इसे भी बढ़ावा दें। हर किसी को संदेह की दृष्टि से न देखें। कुछ गलत लोगों के कारण ज्यादातर लोगों को लोन से वंचित न करें। बैंक की मदद से बेरोजगारी की समस्या पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। उन्होंने विल फुल डिफॉल्टर की सूची बैंकर्स से देने को कहा, ताकि उपायुक्त को इसे भेजकर बैंकों के ऋण वसूली में मदद की जा सके।  बैठक में विकास आयुक्त अमित खरे, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव  सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डाॅ.सुनील कुमार वर्णवाल, विभिन्न जिलों के उपायुक्त तथा बैंकों के राज्यस्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।    

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