पटना 16 जून, बिहार में जमीन नहीं मिलने की वजह से दो लाख करोड़ रुपये की योजना लंबित होने के केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के आरोप को खारिज करते हुए आज राज्य सरकार ने स्पष्ट किया कि कुल 54 हजार 700 करोड़ रुपये की परियोजना में से केवल चार परियोजनाएं ही भूमि अधिग्रहण नहीं होने के कारण लंबित हैं। बिहार सरकार ने यहां जारी विज्ञप्ति में स्पष्ट किया है कि वर्ष 2015 में केंद्र सरकार द्वारा घोषित प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज के तहत कुल 82 परियोजनाएं शामिल हैं, जिनकी कुल अनुमानित लागत 54700 करोड़ रुपये है। इनमें से 24 परियोजनाओं का क्रियान्वयन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकारण (एनएचएआई) द्वारा किया जाना है। 58 परियोजनाओं का क्रियान्वयन पथ निर्माण विभाग के राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) उपभाग को करना है। कुल 82 में से 47 परियोजनाओं में कार्य जारी है। 10 परियोजनाएं बिडिंग या स्वीकृति के चरण में है जबकि 25 परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है। इनमें से 18 डीपीआर पथ निर्माण विभाग को बनाने हैं, जो इस वर्ष 31 अगस्त तक भेज दिये जायेंगे ।
राज्य सरकार ने कहा कि इन सभी परियोजनाओं के लिए सरकार भूमि अधिग्रहण कर रही है। जिन योजनाओं में कार्य प्रारंभ हो गया है, उनमें से पटना-बक्सर चार लेन पथ के पटना-कोईलवर भाग को छोड़कर अन्य योजनाओं में कार्य चल रहा है। राज्य सरकार शिवाला से बिहटा एलीवेटेड पथ बनाने की अनुशंसा कर चुकी है। अन्य परियोजनाओं में भू-अर्जन का कार्य निर्माण के साथ-साथ जारी रहता है। बिहार में ऐसी केवल चार योजनाएं हैं, जिनका कार्य भूमि अधिग्रहण नहीं होने के कारण लंबित है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि वर्ष 2014 में नये भू-अर्जन अधिनियम के लागू होने से दिशा-निर्देशों एवं प्रक्रियाओं में काफी परिवर्तन आए हैं, जिससे बिहार में भूमि अधिग्रहण करने में समय लग रहा था। अब प्रक्रियाएं एवं दिशा-निर्देश स्पष्ट हैं और उसके अनुसार तीव्र गति से भू-अर्जन का काम चल रहा है। परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण कार्य की प्रगति की समीक्षा समय-समय पर समाहर्ता के साथ मुख्य सचिव के स्तर से होती है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग तथा पथ निर्माण विभाग द्वारा क्षेत्रीय पदाधिकारियों से समन्वय किया जा रहा है। राज्य सरकार सभी परियोजनाओं के लिए तेजी-से भू-अर्जन करके भूमि उपलब्ध कराने के लिए कृतसंकल्प है।
बिहार सरकार ने कहा कि राज्य के सड़क एवं पुल के आधारभूत ढांचे के सुदृढ़ीकरण एवं विकास में केंद्र सरकार का सराहनीय सहयोग मिल रहा है। राज्य सरकार अपने स्तर से समुचित भागीदारी सुनिश्चित करते हुए सभी परियोजनाओं का तीव्र क्रियान्वयन कर रही है। भारतमाला परियोजना में बिहार राज्य के चयनित पथों के लिए भू-अर्जन की अधियाचना प्राप्त होने पर राज्य सरकार द्वारा तत्परता से भू-अर्जन की कार्रवाई की जाएगी। विज्ञप्ति के अनुसार, केंद्र सरकार की ओर से भू-अर्जन से संबंधित उठाए गए नीतिगत मामलों पर राज्य सरकार द्वारा त्वरित कार्रवाई की गई है। इसके तहत भूमि अधिग्रहण में प्रशासनिक व्यय की राशि, जो पूर्व में मुआवजे की राशि का 20 प्रतिशत होती थी, उसे घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। इसी प्रकार यूटिलिटी शिफ्टिंग में विद्युत प्रभार की राशि भी 15 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत कर दी गई है। साथ ही राज्य में गिट्टी एवं बालू की समुचित उपलब्धता के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य में पथ एवं पुल के आधारभूत ढांचे के निर्माण के लिए राज्य सरकार द्वारा हरसंभव सहयोग एवं भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।
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