झारखंड में लालफीताशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी : रघुवर दास - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 28 जून 2018

झारखंड में लालफीताशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी : रघुवर दास

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रांची 28 जून,  झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज चेतावनी देते हुये कहा कि राज्य में पर्याप्त संसाधन और क्षमता होने के बावजूद इसका समुचित विकास नहीं हो पाया है इसलिए यहां और लालफीताशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। श्री दास ने राज्य में चल रहे केंद्र सरकार के बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान यहां कहा कि झारखंड में विकास की काफी संभावना है। यहां संसाधन और क्षमता होने के बाद भी समुचित विकास नहीं हो पाया है। यहां फाइल को लटकाने का काम नहीं चलेगा। जो अधिकारी नियमों की आड़ में काम में बाधा बनेंगे, वह स्वैच्छि सेवानिवृत्ति (वीआरएस) दे दें। सरकार को समस्या नहीं बल्कि नियमों का पालन करते हुये समाधान चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में अब और लालफीताशाही नहीं चलेगी।  मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के पूरा होने से बड़ी संख्या में लोगों को लाभ होगा। यहां के लोगों का जीवन स्तर सुधर जायेगा। इन परियोजनाओं के मामले में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। तय सीमा में काम पूरा करें। उन्होंने कहा, “झारखंड हम सब का राज्य है। हमें मिलकर इसे विकसित बनाना होगा। यह हर किसी की जिम्मेवारी है। जल्द परिणाम के लिए टीम वर्क की जरूरत है। हम टीम झारखंड बनाकर काम कर रहे हैं, तो नतीजे दिख रहे हैं। लेकिन, अभी भी कई ऐसे क्षेत्र है जहां हम पीछे हैं। इन क्षेत्रों में भी तेजी लाने की जरूरत है।”

श्री दास ने कहा कि मानसून के दौरान सारी कागजी कार्रवाई पूरी कर लें। 20 अगस्त के बाद धरातल पर काम शुरू हो जाने चाहिए। सार्वजनिक क्षेत्र की कपंनियों की जमीन पर जो जनहित के तहत शौचालय, प्रधानमंत्री आवास योजना का काम होना है, उसके लिए 30 दिन में अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) दें, अन्यथा एनओसी दिया माना जायेगा। उन्होंने कहा कि जहां-जहां पाइपलाइन बिछाने का काम है, वहां के लोगों को जागरूक करें। उनकी जमीन नहीं ली जायेगी। जमीन के काफी नीचे से पाइपलाइन गुजरेगी, इसकी एवज में उन्हें मुआवजा भी मिलेगा। वे उस पर खेती-बाड़ी कर सकेंगे। इसी प्रकार जो लोग विस्थापित हुए हैं, उनके लिए चिन्हित जमीन का जल्द म्यूटेशन करायें।  मुख्यमंत्री ने राज्य में बंद पड़े कोयला ब्लॉक को जल्द शुरू करने का निर्देश देते हुए कहा कि इन ब्लॉक के शुरू होने से स्थानीय स्तर पर काफी लोगों को रोजगार मिलेगा। जिला खनन कोष के तहत राशि मिलने से उस क्षेत्र में आधारभूत सरंचना का विकास होगा। सरकार को भी विकास कार्यों को चलाने के लिए राजस्व मिलेगा। जो कंपनी कोयला ब्लॉक लेने में रूचि नहीं दिखा रहीं है, उनकी सूची बनायें ताकि मंत्रालय को इसकी सूचना दी जा सके और नये निवेशक को आमंत्रित किया जा सके। जेएसएमडीसी की माइंस जल्द चालू करें। इसके चालू होने से राज्य के छोटे-छोटे उद्योगों को कोयला मिलने में आसानी होगी। उन्होंने कोल इंडिया से 15 अगस्त तक 1100 नौकरियां देने का निर्देश दिया। इस संबंध में राज्य सरकार में लंबित जरूरी मंजूरी को जल्द देने का निर्देश दिया।

श्री दास ने जिला के उपायुक्तों को निर्देश दिया कि हर मंगलवार जैसे कैबिनेट की बैठक होती है, उसी प्रकार प्रत्येक मंगलवार किसी न किसी प्रखंड में लाभुक परक योजनाओं के लिए जनता दरबार लगायें। इसमें वृद्धा-विधवा पेंशन, राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र से जुड़ी समस्याओं का तत्काल निदान किया जाये। उपायुक्त किसी भी एक मंगलवार बिना जानकारी एक बैठक में पहुंचें। बैठक में मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, विकास आयुक्त डी. के. तिवारी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील कुमार बर्णवाल, पथ सचिव के. के. सोन, पीसीसीएफ संजय कुमार, एडीजी (अभियान) आर. के. मल्लिक समेत विभागों के सचिव, अधिकारी, जिलों के उपायुक्त, वरीय पुलिस अधिकारी, विभिन्न पीएसयू कंपनियों के अधिकारी, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, रेलवे और गेल के अधिकारी उपस्थित थे।

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