सूर्य ‘स्पर्श’ के पहले मिशन के तहत नासा का पार्कर सोलर प्रोब रवाना - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 12 अगस्त 2018

सूर्य ‘स्पर्श’ के पहले मिशन के तहत नासा का पार्कर सोलर प्रोब रवाना

nassa-mission-sun-depart
वाशिंगटन, 12 अगस्त, सूर्य को ‘स्पर्श’ करने के पहले मिशन के तहत नासा ने पार्कर सोलर प्रोब को आज सफलता पूर्वक प्रक्षेपित किया। सूर्य के बाहरी वातावरण के रहस्यों पर से पर्दा उठाने और अंतरिक्ष के मौसम पर पड़ने वाले उसके प्रभावों को जानने के लिए यह मिशन सात साल का सफर तय करेगा। अमेरिका के केप केनेवरल एअरफोर्स स्टेशन पर स्पेस लॉन्च कॉम्प्लेक्स 37 से आज तड़के 3:31 बजे (भारतीय समयानुसार दोपहर एक बजकर एक मिनट पर) यान को रवाना किया गया। इस अभियान पर डेढ़ अरब अमेरिकी डालर का खर्च आया है । अंतरिक्षयान को ले जाने वाले यूनाइटेड लॉन्च अलायंस डेल्टा 4 हेवी रॉकेट का प्रक्षेपण कल प्रक्षेपण सीमा के उल्लंघन के कारण टाल दिया गया था।  प्रक्षेपण के दो घंटे बाद नासा ने एक ब्लाग में लिखा, ‘‘अंतरिक्षयान बेहतर स्थिति में है और यह स्वयं काम कर रहा है । पार्कर सोलर प्रोब सूरज को स्पर्श करने के अभियान पर चल पड़ा है।’’  यह पहला ऐसा अभियान है जिसे किसी जीवित वैज्ञानिक का नाम दिया गया है । इस अभियान का नाम 91 साल के यूगेनी एन पार्कर के नाम पर रखा गया है जिन्होंने 1958 में सबसे पहले सौर हवाओं के होने के बारे में भविष्यवाणी की थी ।  वेटरन वैज्ञानिक ने नासा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र में बैठकर प्रक्षेपण को देखा । पार्कर को यह मिशन समर्पित करने वाली एक पट्टिका मई में अंतरिक्षयान से जोड़ी गयी थी। इसमें भौतिक विज्ञानी का उद्धरण लिखा है, "चलिए देखते हैं कि आगे क्या होता है ।’’  इसमें एक मेमोरी कार्ड भी है। इसमें उन 11 लाख से अधिक लोगों के नाम हैं जिन्होंने सूरज को स्पर्श करने वाले इस अंतरिक्षयान के साथ यात्रा करने की इच्छा जहिर की थी । 

नासा ने कहा, ‘‘इस अभियान के निष्कर्ष से अंतरिक्ष मौसम के बारे में पूर्वानुमान को सुधारने में अनुसंधानकर्ताओं को मदद मिलेगी ।’’  नासा विज्ञान अभियान निदेशालय के सहयोगी प्रशासक थामस जुरबुकान ने बताया, ‘‘यह अभियान सचमुच एक तारे की ओर मानव की पहली यात्रा को चिन्हित करता है जिसका असर न केवल यहां धरती पर पड़ेगा बल्कि हम इससे अपने ब्रह्मांड को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं ।’’  कार के आकार का अंतरिक्ष यान सीधे सूरज के वातावरण के भीतर से गुजरेगा जो उसकी सतह से करीब 40 लाख मील दूर है और इससे पहले भेजे गए अंतरिक्ष यानों से सात गुना से ज्यादा सूर्य के करीब जाएगा। इसमें लगे थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम के कारण ऐसा संभव हो पाएगा। पार्कर सोलर प्रोब अपने साथ कई उपकरण लेकर गया है जो सूरज का दूर से, आस-पास और सीधे तौर पर अध्ययन करेगा। इन अध्ययनों से मिले डेटा, हमारे तारे के बारे में तीन मौलिक सवालों का जवाब ढूंढने में वैज्ञानिकों की मदद करेंगे।  पार्कर सोलर प्रोब जैसा सूर्य के अध्ययन का मिशन दशकों से वैज्ञानिकों का स्वप्न रहा है। हालांकि, हीट शील्ड, सोलर ऐरे कूलिंग सिस्टम और फॉल्ट मैनेजमेंट सिस्टम जैसी जरूरी प्रौद्योगिकी हाल के वर्षों में ही हासिल की जा सकी है, जिससे इस तरह के मिशन को साकार किया जा सकेगा। सूरज तक पहुंचने में इस अंतरिक्ष यान को 1377 डिग्री सेल्सियस तापमान से गुजरना होगा ।  सूरज की इस गर्मी से अंतरिक्षयान और उपकरणों की सुरक्षा साढ़े चार ईंच मोटी एक ढाल करेगी जो कार्बन से बनी हुई है।

कोई टिप्पणी नहीं: