बिहार : संघर्ष से ही बचेगी सार्वजनिक शिक्षा की तस्वीर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 2 सितंबर 2018

बिहार : संघर्ष से ही बचेगी सार्वजनिक शिक्षा की तस्वीर

एआईएसएफ़ का राज्य कन्वेंशन सम्पन्न, राज्य परिषद पुनर्गठित, रंजीत बने राज्य अध्यक्ष। 

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पटना:- जमाल रोड स्थित माध्यमिक शिक्षक संघ भवन में अॉल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन की बिहार इकाई ने राज्य कन्वेंशन आयोजित किया. इस मौके पर "सार्वजनिक शिक्षा पर बढ़ते हमले" विषयक सेमिनार हुआ. सेमिनार का उद्घाटन करते हुए विधान परिषद सदस्य सह शिक्षक नेता केदार पांडेय ने एआईएसएफ द्वारा आयोजित सेमिनार को काफ़ी मौजूं बताते हुए कहा कि शिक्षा को बाजार ने शिकंजे में ले लिया है. शिक्षा में बाजार है या फिर बाजार में शिक्षा, कह पाना काफ़ी मुश्किल है. उन्होने कहा कि सार्वजनिक शिक्षा  कि गैर मौजूदगी में सबको शिक्षा पाने का सपना अधूरा रहेगा. अतिथि शिक्षको की बहाली को शिक्षको के साथ मजाक बताते हुए उन्होने समान कार्य के लिए समान वेतन की आवश्यकता पर बल दिया. कन्वेंशन में मौजूद पूरे राज्य भर से आये हुए छात्रों से आह्वान करते हुए उन्होने कहा कि संघर्ष से ही शिक्षा की तस्वीर बचाई जा सकती है. वही द्वितीय सत्र में सांगठनिक सत्र का उद्घाटन aisf के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद वली उल्ला कादरी ने स्नातक नामांकन में बिहार बोर्ड के दखल के फ़ैसले को अजूबा बताते हुए अविलम्ब राज्य सरकार से इस छात्र और शिक्षा विरोधी फ़ैसले को वापस लेने की मांग की. उन्होने यूजीसी को समाप्त करने के फ़ैसले को खतरनाक बताते हुए कहा कि जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है शिक्षा पर हमले तेज हुए हैं. 27-30 सितम्बर 2018 को आन्ध्रप्रदेश के अनंतपुर में होने वाले aisf के राष्ट्रीय सम्मेलन का जिक्र करते हुए उन्होंने पूरे देश में सार्वजनिक शिक्षा को मजबूत बनाने की लड़ाई तेज करने की बात कही. शिक्षक नेता डा भोला पासवान ने कहा कि सरकार जब शिक्षा के व्यवसायीकरण पर आमादा है तब छात्रों के उपर संघर्ष की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है. समान स्कूल प्रणाली लागू करने के लिए संघर्ष तेज करने को उन्होने आवश्यक बताया. aisf के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र नाथ राय ने आजादी से पूर्व और बाद के aisf के संघर्षो का जिक्र करते हुए वर्तमान परिस्थिति से मुकाबला के लिए एक मजबूत संगठन को आवश्यक बताया. पूर्व राष्ट्रीय महासचिव विजेन्द्र केसरी ने कहा कि सरकार की नीयत जब जनपक्षीय नीति बनाने की नही हो तब  क्रान्तिकारी जमात के लिए  जरुरी हो जाता है कि ऐसी सरकार को धक्के मार कर बाहर करे. उन्होने आगामी 25 अक्तूबर को पटना के गांधी मैदान में आयोजित लोकतंत्र और संविधान बचाने के लिए विशाल रैली का जिक्र करते हुए पूरे राज्य भर से आये छात्रों से व्यापक अभियान चलाये जाने की अपील की. कन्वेंशन में विगत दिनों दिवन्गत लोगों को श्रद्धांजलि दी गई. अध्यक्षता परवेज आलम, अमीन हमजा एवं पिन्की कुमारी ने संयुक्त तौर पर किया. कार्य प्रतिवेदन राज्य सचिव सुशील कुमार ने रखा. जिस पर 43 प्रतिनिधियों ने बहस में हिस्सा लिया.

कन्वेन्शन में aisf  बिहार राज्य परिषद पुनर्गठित की गई.
71 सदस्यीय राज्य परिषद, 25 सदस्यीय राज्य कार्यकारणी और 9 सदस्यीय राज्य सचिवमन्डल गठित किया गया. जिसमें सर्वसम्मति से रंजीत पंडित को राज्य अध्यक्ष, सुशील कुमार को राज्य सचिव, अमीन हमजा, हर्षवर्धन सिंह राठोर एवं राहुल कुमार यादव को राज्य उपाध्यक्ष,  विकास झा एवं कुमार जितेन्द्र को राज्य सह सचिव और सरिता कुमारी को राज्य कोषाध्यक्ष चुना गया. राज्य कन्वेन्शन का समापन हम होंगे कामयाब गीत एवं  नारो के साथ हुआ.

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