नयी दिल्ली, 21 सितंबर, राफेल विमान सौदे में ‘ऑफसेट पार्टनर’ के संदर्भ में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के कथित बयान को लेकर कांग्रेस ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला और कहा कि अब साबित हो गया है कि ‘चौकीदार ही असली गुनहगार है।’ पार्टी ने यह भी कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री को देश को जवाब देना चाहिए। फ्रांसीसी मीडिया के मुताबिक ओलांद ने कथित तौर पर कहा है कि भारत सरकार ने 58,000 करोड़ रुपये के राफेल विमान सौदे में फ्रांस की विमान बनाने वाली कंपनी दसाल्ट एविएशन के ऑफसेट साझेदार के तौर पर रिलायंस डिफेंस का नाम प्रस्तावित किया था और ऐसे में फ्रांस के पास कोई विकल्प नहीं था। इस खबर पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘सच्चाई को ना कोई दबा सकता है, न झुका सकता है। राफेल मामले में मोदी सरकार का गडबड़झाला अब जगजाहिर हो गया। कांग्रेस और राहुल गांधी कह रहे थे कि राफेल घोटाले में शक की सुई प्रधानमंत्री पर आकर रुकती है। संसद में राहुल जी ने प्रधानमंत्री से कहा था कि सच्चाई बताइए। लेकिन प्रधानमंत्री झूठ बोलते रहे। अब ओलांद ने पूरे मामले का भंडाफोड़ कर दिया।’ उन्होंने कहा, ‘‘ मोदी जी ने सरकारी कंपनी एचएएल से ठेका छीनकर अपने उद्योगपति मित्र को दे दिया। मोदी जी अब सच्चाई बताइए जवाब दीजिए। देश जवाब मांग रहा है। अब जगजाहिर हो गया है कि चौकीदार अब भागीदार ही नहीं, असली गुनहगार है।’’ इससे पहले उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘सफ़ेद झूठ का पर्दाफ़ाश हुआ।
प्रधानमंत्री के सांठगांठ वाले पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को 30 हजार करोड़ रुपये के ऑफसेट कांट्रैक्ट से वंचित किया गया। इसमें मोदी सरकार की मिलीभगत और साजिश का खुलासा हो गया है।’’ कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘फ्रांस्वा ओलांद को यह भी बताना चाहिए कि 2012 में जो विमान 590 करोड़ रुपये का था, वो 2015 में 1690 करोड़ रुपये का कैसे हो गया। 1100 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है।’’ कांग्रेस यह आरोप लगाती रही है कि मोदी सरकार ने फ्रांस की कंपनी दसाल्ट से 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद का जो सौदा किया है, उसका मूल्य पूर्ववर्ती यूपीए सरकार में किए गए समझौते की तुलना में बहुत अधिक है जिससे सरकारी खजाने को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। पार्टी ने यह भी दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौदे को बदलवाया जिससे एचएएल से ठेका लेकर रिलायंस डिफेंस दिया गया।
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