बेगूसराय : सामाजिक सद्भाव एवं राष्ट्र निर्माण के लिये सर्वपल्ली राधाकृष्णन जयंती पर आयोजित सेमिनार। - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 5 सितंबर 2018

बेगूसराय : सामाजिक सद्भाव एवं राष्ट्र निर्माण के लिये सर्वपल्ली राधाकृष्णन जयंती पर आयोजित सेमिनार।

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बेगूसराय (अरुण कुमार) पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जयंती व शिक्षक दिवस के अत्यंत पावन अवसर पर शहर के बहुप्रतिष्ठित एस.बी.एस.एस. महाविद्यालय बेगूसराय में "सामाजिक सदभाव एवं राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की भूमिका" विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया.।विचार सेमिनार मंच का उद्घाटन कॉलेज के प्राचार्य श्री लक्षमण झा ने दीप प्रज्वलित कर किया।और आयोजित सेमिनार में  अपना विचार रखते हुए प्राचार्य लक्ष्मण झा ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों का योगदान अत्यंत अहम है,राष्ट्र का निर्माण छात्रों से होता है एवं छात्र को सामाजिक सदभाव की अनुभूति कराना शिक्षकों का कर्तव्य है।आज की दौर की अगर हम बात करें तो खुले शब्दों में ये कहने में हमे तनिक भी कुरेज नहीं कि आज की शिक्षा प्रणाली इतना विभत्स रुप ले लिया है की इसके बारे में कहना मुश्किल है।आज न तो शिक्षक हैं और ना ही विद्यार्थी, दोनो का आभाव आज सबके सामने है।ये अलग बात है कि आज अर्थ का जमाना आ गया है,तो इसका मतलब ये तो नहीं कि अर्थ के पीछे ही दौर लगाने पैसे कमाने की होड़ में अन्यों की तरह हम भी शामिल हो जाएं।मैं मानता हूँ कि पैसे की शक्त आवश्यकता है तो आवश्यकतानुसार खर्च के लिये तो हमें सरकारी अनुदान तो मिल ही रही है फिर भी हमें संतोष नहीं और जिसमें संतोष नहीं वह पूर्ण शिक्षक ही नहीं।याद करें वो जमाना जब गुरुकुल आश्रम में विद्यार्थी पढ़ने आते थे तो विद्यार्थियों के माता-पिता स्वयं गुरु के लिये आँटा,दाल,चावल,शाक सब्जी आदि भिजवा दिया करते थे और गुरु उसी में वसर किया करते थे और ऐसा अपने शिष्यों का निर्माण पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा के साथ किया करते थे कि आज स्वयं सर्वपल्ली राधाकृष्णन,आर्यभट्ट आदि कितने ही ऐसे शिष्य हुए जो आज गुरुओं में भी सम्मानित और पूजनीय हो गए हैं।उनके भी तो कोई न कोई गुरु होंगे ही न।आज भी आवश्यकता है ऐसे ही शिक्षकों की,शिष्य कोई भी वैसा होता नहीं उसे बनाना पड़ता है।और एक शिष्य निर्माण के लिये सफल,सधी और सुधि गुरु की आवश्यकता है।ऐसे ही गुरु निर्माणकर्ता हो सकते हैं जिनका आज आभाव है।सभी खनकती चमचमाती सिक्कों के प्रभाव में आ गए हैं।जिनके लिये अन्य और भी कई मार्ग हैं पैसे इकट्ठे करने के लिये जब पैसा ही कमाना है तो गुरु मत बनिये,गुरु बनना है तो एक आदर्श और आदरणीय गुरु बनें।शिष्य खुद व खुद मिल जाएंगे पहले हम गुरु तो बनें। मौके पर छात्र संघ के अध्यक्ष आयुष ईश्वर ने कहा कि राष्ट्र के बेहतर निर्माण के लिये समाज के प्रति भाव का जागृत होने अत्यंत आवश्यक है।कार्यक्रम में प्रोफेसर दामिनी सिंह,रमेश सिंह,श्याम सिंह, छात्र संघ कॉलेज प्रतिनिधि आजाद कुमार, राजा कुमार,अभाविप एस.एफ.डी.जिला प्रमुख आर्यन सिन्हा, अतुल कश्यप, सोनू, अभिनव, अभिषेक, समेत सैकडों छात्र उपस्थित थे।

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