अगर नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होता है तो हमें भारत छोड़ देना चाहिए : अखिल गोगोई - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


सोमवार, 28 जनवरी 2019

अगर नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होता है तो हमें भारत छोड़ देना चाहिए : अखिल गोगोई

akhil-gogoi-oppose-citizen-policy
गुवाहाटी, 27 जनवरी,  कृषक मुक्ति संग्राम समिति के नेता अखिल गोगोई ने रविवार को कहा कि अगर असम के लोगों को उचित सम्मान नहीं किया जाता है तो ‘‘हमें सरकार को यह कहने का साहस दिखाना चाहिए कि हम भारत में नहीं रहने पर विचार कर सकते हैं।’’  प्रस्तावित विधेयक के विरोध में असम के तिनसुकिया जिले के पानीटोला में एक रैली को संबोधित करते हुए गोगोई ने कहा, ‘‘अगर सरकार हमें सम्मान देती है तो हम देश के साथ हैं लेकिन अगर असम के स्थानीय लोगों की भावनाओं की उपेक्षा की जाती है और विधेयक को पारित किया जाता है तो असम के हर नागरिक को साहस के साथ कहना चाहिए कि वे भारत का हिस्सा नहीं रहेंगे।’’  प्रस्तावित विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव है और कई दलों एवं संगठनों ने दावा किया है कि इसका संवेदनशील सीमावर्ती राज्य की भौगोलिक स्थिति पर विपरीत असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि विधेयक के प्रावधान से 1985 का असम समझौता खत्म हो जाएगा जिसमें मार्च 1971 के बाद राज्य में प्रवेश करने वाले सभी अवैध प्रवासियों को वापस भेजे जाने का प्रावधान है, चाहे वे किसी भी धर्म के हों। विधेयक के विरोध में 70 संगठनों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे गोगोई ने कहा, ‘‘हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि अगर जरूरत और स्थिति बनती है तो असम को कहना चाहिए कि वे भारत के साथ रहने के लिए तैयार नहीं हैं...अगर सरकार हमारा सम्मान करती है तो हम भारत के साथ रहेंगे नहीं तो हम छोड़ देंगे।’’  असम पुलिस ने इससे पहले गुवाहाटी की एक सभा में अलगाववादी बयानों को लेकर गोगोई, साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता लेखक हीरेन गोहेन और वरिष्ठ पत्रकार मंजीत महंत के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया था।

कोई टिप्पणी नहीं: