नयी दिल्ली, 30 जनवरी, बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने अयोध्या के राममंदिर विवाद में अधिग्रहीत भूमि का गैरविवादित भाग ‘रामजन्म भूमि न्यास’ को लौटाने की केंद्र सरकार की उच्चतम न्यायालय में अर्जी को राजनीतिक तथा चुनावी चाल करार देते हुए आज कहा कि यह न्यायिक प्रक्रिया में सरकारी हस्तक्षेप है और आम चुनावों को प्रभावित करने का प्रयास है। सुश्री मायावती ने यहां कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार अयोध्या की वर्ष 1991 में अधिगृहित भूमि पर यथा-स्थिति को जबरदस्ती बिगाड़ने का प्रयास रही है। यह न्यायिक प्रक्रिया में अनुचित अड़चनें डालने वाला कदम हैं। उन्होंने कहा कि यह अर्जी अनुचित और भड़काऊ तथा भाजपा का नया चुनावी हथकंडा है। उन्होेंने कहा कि केन्द्र में भाजपा की मौजूदा सरकार जातिवादी, साम्प्रदायिक और धार्मिक उन्माद, तनाव तथा हिंसा आदि के साथ-साथ संकीर्ण राष्ट्रवाद की नकारात्मक और घातक नीति है। उन्होंने आरोप लगाया कि कार्यकलापों के आधार पर संविधान मंशा-विरोधी तरीके से सरकार चला रही है। बसपा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बसपा और समाजवादी पार्टी के गठबंधन के बाद भाजपा को लग गया है कि वह केन्द्र की सत्ता में अब दोबारा वापस आने वाली नहीं है। इससे केन्द्र और उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकारें घबरा गयी हैं और सभी अनुचित हथकंडे अपना रही है। उन्होंने अयोध्या मामले पर केन्द्र सरकार की कल की ताजा कार्रवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि देश में जबरदस्त गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी और अशिक्षा से संबंधित मुद्दे हैं जिनसे जनता परेशान है। राष्ट्रीय समस्याओं का समाधान करने और विकास के मामले में केन्द्र सरकार विफल रही है और अपनी वादाखिलाफी के कारण देश की सवा सौ करोड़ जनता का विश्वास खो चुकी है।
बुधवार, 30 जनवरी 2019
Home
उत्तर-प्रदेश
देश
राजनीति
विवादित भूमि लौटाने की अर्जी चुनावों को प्रभावित करने का प्रयास : मायावती
विवादित भूमि लौटाने की अर्जी चुनावों को प्रभावित करने का प्रयास : मायावती
Tags
# उत्तर-प्रदेश
# देश
# राजनीति
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
राजनीति
Labels:
उत्तर-प्रदेश,
देश,
राजनीति
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
संपादकीय (खबर/विज्ञप्ति ईमेल : editor@liveaaryaavart या वॉट्सएप : 9899730304 पर भेजें)

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें