एक साल में 30 ट्रेन-18 गाड़ियां पटरियों पर दौड़ने लगेंगी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 27 जनवरी 2019

एक साल में 30 ट्रेन-18 गाड़ियां पटरियों पर दौड़ने लगेंगी

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नयी दिल्ली 27 जनवरी, देश की पहली सेमी हाई स्पीड रेलगाड़ी ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ के अगले माह पटरियों पर उतरने के एक साल के भीतर ऐसी 30 नयी गाड़ियां देश के विभिन्न इलाकों में 160 किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक रफ्तार से दौड़ती नजर आएंगी।  रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में ट्रेन-18 का नामकरण ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ किये जाने की घोषणा करते हुए कहा,“ ट्रेन-18 के 30 सेट बनाने की स्वीकृति दी गयी है लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार हर काम बड़े स्तर पर करने में विश्वास रखती है इसलिए हमें लगता है कि 30 की संख्या पर्याप्त नहीं है। इसे बढ़ाया जाना चाहिए।” रेल अधिकारियों के अनुसार 30 ट्रेन सेट मार्च 2020 तक आ जाएंगे। जबकि इस वर्ष मार्च तक ट्रेन-18 के कम से कम दो सेट आएंगे। अधिकारियों के अनुसार ट्रेन 18 के सेट शताब्दी एक्सप्रेस के रैक से नहीं बदले जाएंगे। शताब्दी और वंदे भारत एक्सप्रेस अलग-अलग चलेगी। अधिकारियों ने कहा कि गाड़ी का किराया गतिमान एक्सप्रेस के समान होगा और यह फ्लैक्सी किराया के अंतर्गत नहीं आयेगा।  श्री गोयल ने कहा कि विश्वस्तरीय ट्रेन-18 के परिचालन की शुरूआत के साथ ही भारतीय रेलवे में एक नये युग का सूत्रपात होगा। सौ करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली इस ट्रेन का उत्पादन बढ़ने से लागत में भी खासी कमी अाएगी। ऑटोमैटिक दरवाजों, आधुनिक ब्रेकिंग सिस्टम, एयर सस्पेंशन एवं इन्फोटेनमेंट, पहले एवं अंतिम कोच में दिव्यांगों के लिए विशेष रूप से बैठने एवं शौचालयों की व्यवस्था और सुरक्षा प्रणाली से युक्त इस रेलगाड़ी को निर्यात भी किया जाएगा। श्री गोयल ने ट्रेन-18 को भारत की एक वंदनीय उपलब्धि बताते हुए कहा,“ देश के 125 करोड़ लोगों की शान बढ़ाने वाली विश्व स्तरीय ट्रेन कुल 18 माह में भीतर डिजायन तैयार करने से लेकर उपकरण जुटाना एवं पूरी तरह से तैयार करना एक विश्व रिकॉर्ड है और वास्तव में देश की वंदनीय उपलब्धि है। हमने सोचा है कि देश की इस उपलब्धि को एक विशेष पहचान दी जाये और इसीलिये इस ट्रेन को बहुत विशेष नाम ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ का नाम दिया है।” रेल मंत्री ने कहा कि ट्रेन के परिचालन के लिए गत शुक्रवार को मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त की मंजूरी मिल गई और वह सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर ट्रेन के उद्घाटन की अनुमति लेंगे। यह ट्रेन दिल्ली से बनारस के बीच चलेगी और करीब 12 घंटे की यह यात्रा ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ आठ घंटे में पूरा करेगी। रास्ते में यह ट्रेन कानपुर और इलाहाबाद जंक्शन पर रुकेगी। उन्होंने कहा,“बजट सत्र 31 जनवरी से आरंभ हो रहा है जो 13 फरवरी तक चलेगा। उम्मीद है कि उसके बाद ही यह ट्रेन चलेगी। ” रेल अधिकारियों के अनुसार ट्रेन नयी दिल्ली से सुबह छह बजे रवाना होकर दो बजे बनारस पहुंचेगी। वापसी में तीन बजे रवाना होकर रात 11 बजे नयी दिल्ली आयेगी। अधिकारियों ने यह भी बताया कि आरंभ में ये गाड़ी 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलायी जाएगी। उन्होंने बताया कि देश के मुख्य रेलट्रैकों की गतिसीमा 130 किलाेमीटर प्रतिघंटा बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की जा रही है। इसके बाद इस गाड़ी की गति भी बढ़ाकर160 किलोमीटर प्रतिघंटा की जाएगी। इससे दिल्ली से बनारस के बीच की दूरी आठ की बजाय छह घंटे से भी कम में तय की जा सकेगी। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली से इलाहाबाद जंक्शन के बीच की दूरी छह घंटे में तय की जाएगी जबकि इलाहाबाद जं. से बनारस के बीच विद्युतीकरण एवं दोहरीकरण का कार्य चल रहा है। इसी के साथ लगभग 120 किलाेमीटर लंबे ट्रैक की गति क्षमता भी बढ़ायी जा रही है। ये काम पूरे होने पर इलाहाबाद से वाराणसी के बीच एक से सवा घंटे में पहुंचा जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि वंदे भारत एक्सप्रेस को नई दिल्ली से वाराणसी के मंडुवाडीह स्टेशन तक चलाये जाने का प्रस्ताव है और इसके साथ ही मंडुवाडीह स्टेशन का नाम बदल कर बनारस किये जाने का प्रस्ताव है। संभवत: इसीलिए श्री गोयल ने संवाददाता सम्मेलन में बनारस शब्द का प्रयोग किया।

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