बिहार : एससी/एसटी/ओबीसी आरक्षण को सुनियाजित तरीके से खत्म किया जा रहा है: माले - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 27 जनवरी 2019

बिहार : एससी/एसटी/ओबीसी आरक्षण को सुनियाजित तरीके से खत्म किया जा रहा है: माले

विश्वविद्यालयों में 200 प्वायंट रोस्टर को बहाल करने के लिए अध्यादेश लाए सरकार.13 प्वायंट रोस्टर के खिलाफ माले-आइसा-इनौस का 28 जनवरी को प्रतिवाद.
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पटना 27 जनवरी 2019 भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि एससी/एसटी/ओबीसी आरक्षण पर सुनियाजित तरीके से हमला किया जा रहा है. विश्वविद्यालयों में अब 200 प्वांयट रोस्टर प्रणाली की जगह 13 प्वायंट रोस्टर प्रणाली लागू करने का आदेश दिया है. ऐसा होने से शिक्षक बहाली की प्रक्रिया में आरक्षण लगभग खत्म हो जाएगा और इसका भारी खामियाजा एससी/एसटी/ओबीसी संवर्ग के छात्रों को उठाना पड़ेगा. 200 प्वांयट रोस्टर प्रणाली में विश्वविद्यालय को यूनिट माना जाता है और उस पर आरक्षण लागू किया जाता है जबकि 13 प्वांयट रोस्टर प्रणाली में विभाग को यूनिट माना जाता है. 13 प्वायंट रोस्टर प्रणाली के तहत किसी विभाग में प्रत्येक आरक्षित वर्ग से एक नियुक्ति भी तब होगी जब उस विभाग में न्यूनतम 14 नियुक्तियां होंगी. जबकि अधिकांश विभागों में 14 से कम नियुक्तियां हैं. ऐसे में ऐसे विभागों में एक भी आरक्षित वर्ग की बहाली नहीं हो सकेगी. जाहिर है संविधान द्वारा एससी/एसटी/ओबीसी संवर्ग के लिए प्राप्त 49.5 प्रतिशत आरक्षण का यह घोर उल्लंघन है. एक तरफ एससी/एसटी/ओबीसी समुदाय के आरक्षण पर हमला है, तो दूसरी ओर मोदी सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए 10 प्रतिशत का जो आरक्षण लाया है, वह भी पूरी तरह संविधान विरोधी है क्योंकि आरक्षण का आधार सामाजिक-आर्थिक पिछड़ापन है न कि आर्थिक पिछड़ापन. ऐसी स्थिति में भाकपा-माले केंद्र सरकार से 200 प्वायंट रोस्टर प्रणाली को बहाल करने के लिए अध्यादेश लाने, संविधान प्रदत्त आरक्षण प्रणाली को लागू करने और सामाजिक बहिष्करण व संस्थागत अन्याय के पीड़ितों कोे हासिल आरक्षण में कांट-छांट पर तत्काल रोक लगाने की मांग करती है. इन मांगों पर 28 जनवरी को माले-आइसा-इनौस की ओर से राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद के तहत विरोध दिवस का आयोजन किया जाएगा.

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