नयी दिल्ली, 30 जनवरी, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने रीयल इस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट (रेइट) और इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) के लिये नयी रूपरेखा प्रस्तावित की है। सेबी ने पूंजी जुटाने के संबंध में लचीलापन मुहैया कराने तथा निवेशकों तक इनकी पहुंच बढ़ाने के ध्येय से यह कदम उठाया है। नये प्रस्ताव के तहत सार्वजनिक रूप से जारी रेइट तथा इनविट के लिये न्यूनतम आवंटन तथा कारोबार लॉट को कम किया जाएगा। इसके साथ ही इनविट की फायदा उठाने की क्षमता सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है। सेबी ने 2014 में रेइट नियमन अधिसूचित किया था। हालांकि, तब से अब तक महज तीन इनविट जारी किये गये और सूचीबद्ध हुये है जिनसे करीब दस हजार करोड़ रुपये जुटाये गये हैं। एक रेइट सार्वजनिक पेशकश लाने के साथ तैयारी में है। पूंजी बाजार नियमक की ओर से कई तरह के रियायतें दिये जाने के बावजूद इन निवेश साधनों में बड़ी संख्या में निवेशकों को आकर्षित करने में सफलता नहीं मिल पाई है। इस स्थिति को देखते हुये सेबी ने नये परिचर्चा पत्र को जारी किया है। इसमें रेइट और इनविट के नियमन में संशोधन के बारे में नये सिरे से विचार विमर्श किया जायेगा और संबद्ध पक्षों से 18 जनवरी तक उनके सुझाव और टिप्पणियां मांगी गई हैं। संबंधित पक्षों की राय जान लेने के बाद अंतिम प्रस्ताव जारी किये जाएंगे। प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘शुरुआती इश्यू के समय न्यूनतम आवेदन और आवंटन 100 इकाइयों का होना चाहिये। इस तरह के एक लॉट का मूल्य 15 से 20 हजार रुपये के बीच होना चाहिये।’’ इसमें और भी कई तरह के बदलावों का प्रस्ताव किया गया है।
बुधवार, 30 जनवरी 2019
सेबी का निवेशकों की सुविधा के लिये रेइट, इनिवट नियमों में ढील देने का प्रस्ताव
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