एकता परिषद ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि मनाई भूमि एवं आजीविका के मुद्दों पर हुआ मंथन
दमोह। जन संगठन एकता परिषद के बैनर तले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि मनाई गयी। इसका आयोजन पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर जोन में आने वाले आदिवासी बाहुल्य गांव उदयपुरा में किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सुजात खान प्रदेश अध्यक्ष एकता परिषद मध्यप्रदेश रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्थानीय सक्रिय मुखिया परसू आदिवासी द्वारा की गई ।बैठक में 17 ग्रामों के लगभग डेढ़ सौ से अधिक महिला-पुरुष मुखिया साथी शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए की गई । इस मौके पर प्रांतीय अध्यक्ष सुजात खान ने बा- बापू की 150 वीं वर्षगांठ के अलावा ग्राम स्वराज एवं वर्ष 2019 को रचनात्मक वर्ष के रूप में मनाने के संदर्भ में जानकारी देते हुए कहा , कि उपलब्ध संसाधनों का बेहतर प्रबंधन करके भी हम अपने जीवन में खुशियां ला सकते हैं । पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर जोन निर्माण के चलते आदिवासियों - वनवासियों की जिंदगी पूरी तरह से नरक बन चुकी है । इन वंचिताे सामने अस्तित्व का खतरा पैदा हो गया है । श्री खान ने कहा कि आने वाले समय में पन्ना टाइगर रिजर्व बफर जोन प्रबंधन एवं वन विभाग के विरुद्ध अहिंसात्मक कदम उठाया जाएगा । शासन प्रशासन पर दबाव बनाकर भूमि अधिकार हासिल करने के प्रयास होगे ।मडियादो क्षेत्र की जनता अपने प्रतिनिधियों से बेहद नाराज है ।श्री खान ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं क्रांतिकारियों ने आजादी के आंदोलन को कैसे जनांदोलन बनाया ।इस पर विस्तार से प्रकाश डाला ।इस मौके पर बापू के ग्राम स्वराज की परिकल्पना , पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर जोन निर्माण पश्चात उपजी विषम परिस्थितियों , वनाधिकार कानून , भू राजस्व कानून, रोजगार गारंटी कानून के क्रियान्वयन की स्थिति , सदस्यता अभियान , परंपरागत कृषि कार्य , किचन गार्डन निर्माण , भूमि एवं आजीविका के मुद्दों को लेकर जिला स्तर पर कलेक्टर दमोह को ज्ञापन देने , जनप्रतिनिधियों की घेराबंदी करने जैसी अनेक मुद्दों पर कार्य योजना बनाई गई । कार्यक्रम में संगठन के नेतृत्व में होने वाले अंतर्राष्ट्रीय आंदोलन जय जगत 2020 के संबंध में भी आपस में मंथन हुआ ! कार्यक्रम को लल्लू आदिवासी , किसुन आदिवासी, परशु आदिवासी आदि ने भी संबोधित किया ।कार्यक्रम में पूरनलाल कुर्मी ,राजेश कुडे़रिया, गोविंदी आदिवासी, सजली बहू आदिवासी, मझंली बहू, ,घंसा सिंग पंडा आदिवासी, राजकुमार पटेल, पंचम सिंह, दयाराम श्यामले, पुरुषोत्तम भागीरथ, तुलसीराम हीरालाल, रामविशाल सुंदर आदिवासी, गोकुल जालम आदिवासी सहित बड़ी संख्या में महिला पुरुष मुखिया मौजूद रहे ।

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