अमेरिकी लोकतंत्र पर पहले कभी इस तरह हमला नहीं हुआ : कमला हैरिस - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


सोमवार, 28 जनवरी 2019

अमेरिकी लोकतंत्र पर पहले कभी इस तरह हमला नहीं हुआ : कमला हैरिस

us-democracy-never-attacked-before-kamala-harris
वॉशिंगटन, 28 जनवरी, भारतीय मूल की सीनेटर कमला हैरिस ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी का उम्मीदवार बनने के लिए अपनी प्रचार मुहिम शुरू करते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों की रविवार को भरसक आलोचना की और आरोप लगाया कि अमेरिकी लोकतंत्र पर पहले कभी इस तरह हमला नहीं हुआ। 2016 में सीनेट में चुनी गई कमला हैरिस ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी का उम्मीदवार बनने की अपनी दावेदारी की घोषणा पिछले सप्ताह की थी। उन्हें नवंबर 2020 में होने वाले चुनाव में ट्रम्प को हराने के इच्छुक डेमोक्रेटिक नेताओं की सूची में सर्वाधिक मत मिले हैं। हैरिस अमेरिकी सीनेट में चुनी जाने वाली दूसरी अफ्रीकी अमेरिकी हैं। उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत से ही बराक ओबामा से उनकी तुलना की जाती है। हैरिस ने कहा, ‘‘हम हमारे देश के इतिहास में एक नए मोड़ पर हैं। हम यहां इसलिए हैं क्योंकि अमेरिकी सपने और अमेरिकी लोकतंत्र पर इस तरह पहले कभी हमला नहीं हुआ।’  उन्होंने ट्रम्प का नाम लिए बिना कहा, ‘‘वह हमारा अमेरिका नहीं है, जहां हमारे नेता स्वतंत्र प्रेस और हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमला करते हैं।’’  हैरिस ने कहा कि अमेरिकियों को नस्लवाद, लैंगिक भेदभाव, यहूदी विरोधवाद और एलजीबीटी समुदाय के प्रति पूर्वाग्रह जैसी देश की समस्याओं को लेकर ईमानदार बनने की आवश्यकता है। हैरिस ने अमेरिका के साथ लगती मेक्सिको की सीमा पर दीवार बनाने की योजना को लेकर ट्रम्प को आड़े हाथों लिया। उन्होंने पढ़ाई के लिए तमिलनाडु से अमेरिका आई अपनी मां श्यामला गोपालन के संघर्ष के जज्बे को याद करते हुए कहा कि ट्रम्प के खिलाफ चुनाव लड़ना आसान नहीं होगा।  उन्होंने अपने गृहनगर ओकलैंड में 30 मिनट के अपने प्रभावशाली भाषण में कहा, ‘‘मेरी मां कहती थीं कि हाथ पर हाथ रखकर बैठने और शिकायत करने से काम नहीं चलेगा। कुछ करो।’’  54 वर्षीय हैरिस ने करीब 20,000 लोगों की भीड़ के सामने कहा, ‘‘अपनी मां से मिले संघर्ष के जज्बे के साथ, मैं आज आपके सामने खड़े होकर अमेरिका के राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने के लिए अपनी दावेदारी की घोषणा करती हूं। मैं इस चुनाव में इसलिए लड़ना चाह रही हूं, क्योंकि मैं अपने देश से प्रेम करती हूं।’’  अभी तक डेमोक्रेटिक पार्टी की चार महिलाओं ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में उम्मीदवार बनने के लिए अपनी दावेदारी पेश की है। हैरिस के अलावा सीनेटर एलिजाबेथ वारेन, कर्स्टन गिलीब्रैंड और कांग्रेस की सदस्य तुलसी गबार्ड ने दावेदारी पेश की है। वे अगले साल जनवरी में प्राइमरी चुनाव लड़ेंगी। विजेता दावेदार की घोषणा जुलाई 2020 में डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन में की जाएगी। पार्टी का चयनित उम्मीदवार राष्ट्रपति पद के चुनाव में ट्रम्प को टक्कर देगा। हैरिस ने राष्ट्रपति पद के पूर्व उम्मीदवार रॉबर्ट केनेडी का हवाला देते हुए कहा कि ट्रम्प को चुनौती देना आसान नहीं होगा। हैरिस ने राष्ट्रपति चुने जाने पर शिक्षा और स्वास्थ्यसेवा क्षेत्र में काम करने का वादा किया।  उन्होंने ट्रम्प की विदेश नीति को लेकर भी उनकी आलोचना की। 

कोई टिप्पणी नहीं: