बिहार : प्रजातंत्र के चार स्तम्भों में विधायिका है पत्रकारिता पर हाबी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 18 मई 2019

बिहार : प्रजातंत्र के चार स्तम्भों में विधायिका है पत्रकारिता पर हाबी

विज्ञापन लेने के चक्कर में मीडिया घराना असहाय, विज्ञापन देने-लेने की नीति में परिवर्तन लाना प्रजातंत्र के हित में 
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पटना,18 मई। 17 वीं लोकसभा का गठन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. अंतिम चरण का काउंटडाउन शुरू है. अब से 15 घंटे के बाद 2019 आम चुनाव का अंतिम चरण का मतदान 19 मई को है. अबतक छह चरणों में 484 सीटों का चुनाव हो गया है. रविवार को 59 संसदीय क्षेत्र में मतदान होगा. इसके आलोक में 17 मई को शाम 5 से चुनाव प्रचार बंद हो गया.  जन जर्नादन को धन्यवाद देने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गयी. सत्तारूढ़ एनडीए के अधिक संख्या वाली दल बीजेपी और विपक्षी दल कांग्रेस ने अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की.एनडीए व बीजेपी के स्टार प्रचारक व पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने संबोधित किए.वहीं अलग से  प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने संबोधित किए. सर्वविदित है कि पांच सालों में अधिकांश समय विदेशों में भ्रमण करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र ने  प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की. कल शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 59 मिनट तक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रहे.परन्तु पत्रकारों के 19 सवालों का जवाब नहीं दिए. देश के लोकप्रिय चैनल आजतक की बिहार की रहने वाली महिला ऐंकर अंजना ओम कश्यप ने 10 का दम सवाल पूछा कि मैं प्रधानमंत्री से सवाल करना चाहती हूं कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या करने वाले गोडसे को साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने देशभक्त घोषित कर दी है. इस पर क्या कार्रवाई की जाएगी.इस सवाल का जवाब देने का इशारा पीएम ने अमित शाह को किया.  बताते चले कि एनडीए शासनकाल में पीएम नरेंद्र मोदी ने पांच साल में प्रेसवार्ता नहीं की है.आज सातवां चरण के प्रचार बंद होने पर आयोजित पत्रकार वार्ता में  मौका था कि पत्रकारों का जवाब पीएम दे देते.मगर ऐसा नहीं किए हरदम पीएम ने पत्रकारों के सवालों का जवाब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को ही जवाब देने को इशारा करते रहे. पत्रकार और पब्लिक पीएम से सुनना चाह रहे थे.  इसके बाद चैनल में धराधर ब्रेकिंग न्यूज बनाने लगे कि 56 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों के द्वारा पूछे 19 सवालों का जवाब देने से बचते रहे. मीडिया घराना और पत्रकारों ने प्रतिष्ठा का सवाल नहीं बनाया. प्रजात्रंत के चार स्तम्भों में विधायिका के सामने पत्रकारिता नतमस्तक है. इसके कारण पीएम काे बोलवा नहीं सके. कार्यक्रम का बहिष्कार नहीं कर सके. ऐसा करने से विज्ञापन पर असर पड़ता.अब समय आ गया है सरकारी विज्ञापन सरकार के घेरे से निकाला जाए. अब तो नयी सरकार पर निर्भर है कि मीडिया को सरकारी विज्ञापन देने की नीति बनाएं. आज पीएम केदारनाथ गए हैं.कल बर्द्रीनाथ जाएंगे. प्रचार खत्म होने के शिवालय दर्शन करने चले गए हैं. शिवभक्त मोदी शिवजी से 300 प्लस सीट दिलवाने का आग्रह कर रहे हैं.पलपल की खबर लाइव है.

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