दुमका (अमरेन्द्र सुमन) 7 वें व अंतिम चरण (19 मई 2019) में दुमका संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के लिये सम्पन्न हुए चुनाव के बाद परिणाम का दिन ज्यों-ज्यों करीब आता जा रहा है, झामुमो व भाजपा के खेमे में हलचल भी परवान पर नजर आ रहा है। जहाँ एक ओर दोनों ही पार्टियों (झामुमो व भाजपा) द्वारा अपनी-अपनी जीत का राग अलापा जा रहा है वहीं दूसरी ओर चैक-चैहारों से लेकर मैदान-दूकान तक और आम से लेकर खास तक में इस पार्लियामेंट्री सीट को लेकर रोचकता बनी हुई है। वैसे पिछले चालीस वर्षों से दुमका व संताल परगना की राजनीति में एक बड़े हस्ताक्षर के रुप में आदिवासियों के दिलो-दिमाग पर छाये रहने वाले ंशिबू सोरेन के लिये 23 मई का परिणाम उनकी राजनीतिक यात्रा के लिये मील का पत्थर साबित होने वाला है। यदि षिबू सोरेन यह चुनाव जीत जाते है तो झामुमो का पिछला रिकाॅर्ड सुरक्षित रह जाएगा और 5 वर्षों के लिये षिबू सोरेन फिर से हरे-भरे हो जाऐंगे। जहाँ तक भाजपा प्रत्याशी सुनील सोरेन की बात है तो यह चुनाव उनके लिये भी उनके भविष्य की लक्ष्मण रेखा है। भाजपा प्रत्याशी सुनील सोरेन यदि झामुमो प्रत्याशी शिबू सोरेन को हरा पाने में सफल होते हैं तो फिर उनकी राजनीतिक यात्रा में चार चाँद लग जाएगा। झारखण्ड को एक युवा आदिवासी नेता मिल जाएगा और संसद में इस क्षेत्र की समस्या को पटल पर रखने वाली एक मुखर आवाज। यह सब तब होगा जब परिणाम पक्ष में होगा। यदि परिणाम विरुद्ध हुआ तो फिर सुनील सोरेन का राजनीतिक कैरियर एक तरह से खत्म ही हो जाएगा। दुमका लोकसभा क्षेत्र के अन्तर्गत दुमका, शिकारीपाड़ा, जामा (दुमका जिलान्तर्गत विधानसभा क्षेत्र), नाला, जामताड़ा (दोनों जामताड़ा जिलान्तर्गत विधानसभा क्षेत्र) व सारठ (देवघर जिलान्र्गत विधानसभा क्षेत्र) आते हैं। कुल छः विधानसभा क्ष्,ोत्रों में मतदाताओं की स्थिति क्या रही होगी यह तो शोध की बात है। जहाँ तक विधानसभा क्षेत्र षिकारीपाड़ा (दुमका जिलान्तर्गत) की बात है तो यह क्षेत्र आदिवासी, मुस्लिम व इसाई बहुलता वाला क्षेत्र है। झामुमों के कट्टर समर्थकों का यह क्षेत्र माना जाता है किन्तु इस चुनाव मंे आदिवासी व मुस्लिम मतदाताओं के 10 से 20 प्रतिषत मतों का हस्तांतरण भाजपा के पक्ष में जाने की बात सुनी गई है। षिकारीपाड़ा में व्यवसायी वर्ग का प्रतिनिधित्व कर रहे भाजपा के स्थानीय नेता रामनारायण भगत व रानेष्वर के सामाजिक कार्यकर्ता बबलू दत्ता से जब क्षेत्र की अद्यतन स्थिति पर बात की गई तो यह ज्ञात हुआ कि शिकारीपाड़ा विस क्षेत्र में पिछले चुनाव की तुलना में भाजपा के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। भाजपा नेता व सामाजिक कार्यकर्ता रामनारायण भगत का मानना है मुस्लिम बहुल गाँव खडीकदमा, षिवतल्ला, ननकाडीह, ढेवाडीह, कोल्हाबदर, पिनरगड़िया, शहरपुर, चितरागड़िया (सभी मुस्लिम आबादी वाले गाँव) व बड़ा चापुड़िया, बिलाय, बाँसपहाड़ी, दरबारपुर जैसे आदिवासी गाँवों मंे भाजपा के पक्ष 10 से 20 प्रतिषत लोगों ने मतदान किया। कई आदिवासी गाँवों में झामुमो कार्यकर्ताओं के विरुद्ध मतदाताओं का आक्रोश भी सामने दिखा। रानेश्वर प्रखण्ड के भाजपा समर्थक व पार्टी कार्यकर्ता बबलू दत्ता का कहना है सरसाजोल, बाॅकीजोर, बाँसपहाड़ी, राजबांध पलासी, पर्वतपुर, कलाईबाड़ी, आसनबनी, हरीपुर, पाटजोर, सुखजोरा, तिकुंडी, बाँसकुली, रानेष्वर, गोविन्दपुर, बेलकांदी जैसे इलाकों में भाजपा के पक्ष में 90 फीसदी मतदान यह दर्षाता है कि इस क्षेत्र के लोगों का मिजाज क्या रहा होगा। शिकारीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत तीन प्रखण्ड आते हैं षिकारीपाड़ा, काठीकुण्ड व रानेष्वर। 10 से 20 प्रतिषत आदिवासियों व मुस्लिमों का रुझान यदि भाजपा के पक्ष में रहा तो यह कहना मुश्किल नहीं होगा कि दुमका संसदीय क्षेत्र की फिजा बदल सकती है।
मंगलवार, 21 मई 2019
दुमका, भाजपा के प्रति आदिवासियों व मुस्लिमों का बढ़ा रुझान, हो सकता है उलटफेर
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