बिहार : बच्चों ने कहा कि काफी फायदेमंद रहा है प्रशिक्षण - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 3 जून 2019

बिहार : बच्चों ने कहा कि काफी फायदेमंद रहा है प्रशिक्षण

चाइल्ड हेल्प लाइन का नम्बर-1098 का उपयोग घर जाने के बाद करने का निश्चय

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पटना,03 मई । कुर्जी में अवस्थित है सेवा केन्द्र। इस केन्द्र में अनेक कार्यालय है। इसमें गैर सरकारी संस्था है बिहार वाटर डेंवलपमेंट सोसायटी का भी कार्यालय है। बिहार वाटर डेंवलपमेंट सोसायटी के निदेशक हैं फादर अमल राज। बिहार वाटर डेंवलपमेंट सोसायटी के द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में ‘स्माइल प्रोजेक्ट‘ संचालित है। इस ‘स्माइल प्रोजेक्ट‘ में ऐसे बच्चे आते हैं जिन्होंने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी है। इन बच्चों को पटना में लाकर व्यक्तित्व विकास और व्यवहार परिवर्तन पर तीन दिवसीय आवासीय कैरियर परामर्श प्रशिक्षण दिया गया। इसका उद्घाटन दीप जलाकर सोसायटी के निदेशक फादर अमल राज और स्कूल परित्याग करने वालों ने मिलकर किया।  स्माइल प्रोजेक्ट के काॅर्डिनेटर देवराज ने कहा कि नवादा जिले के कौआकोल प्रखंड और मुंगेर जिला के बरियारपुर प्रखंड के 40 बच्चों ने आवासीय कैरियर परामर्श प्रशिक्षण से लाभ उठाया। विघालय परित्याग 40 बच्चों में 25 लड़किया और 15 लड़के थे। उन्होंने कहा कि सोसायटी के निदेशक फादर अमल राज ने काफी समय बच्चों के बीच दिए। कई तरह की जागृति कहानी के बल पर बच्चों के कैरियर में निखार लाने का सुझाव दिये। 

‘प्रथम संस्था‘ की रूचि गुप्ता और ऋषि रमन ने बच्चों को दनादन लाइन में शामिल होकर अपना परिचय देने को कहें। फिल्मी कलाकारों,मनपसंद फिल्म और फलों का नाम से 6 समूह बनाया। इसके बाद समूह के नामों का महत्व बताने को कहा गया। बच्चों ने विस्तार से नामों का महत्व बताया। इसके बाद बच्चों को 5 समूह में विभक्त किया गया। बच्चों को यह सवाल दिया गया कि सबसे पहले अपने बुराई के बारे में लिखे और उसके बाद अपनी अच्छाई के बारे में लिखना है। इन सवालों का जवाब लिखने के बाद प्रत्येक बच्चों को सामने आकर प्रस्तुति कर चर्चा भी करनी है। सभी बच्चों ने बेहतर ढंग से चर्चा में भाग लिये।  बच्चों को दो वीडियो दिखाया गया। एक बाल विवाह और दूसरा बाल मजदूर पर आधारित था। इस वीडियो को देखकर बच्चे खुद के बारे में सोचने लगे। हमलोग कहां पर है ? तब से माहौल ही बदल गया। अपने और अपने परिवार वालों के बारे में सोचने लगे। अपने दोस्तों को बाल मजदूरी के दास्ता से मुक्त करने को ठान लिए। चाइल्ड हेल्प लाइन का नम्बर-1098 को रट लिए। इसका उपयोग घर जाने के बाद करने का निश्चय किये।  वहीं बच्चों को खाली जगह भरने को दिया गया। रिक्त स्थानों को साॅरी, प्लीज और थैक्यू से भरना था। इसके बाद यह बताना था कि घर और गांव के लोगों के बारे में जो साॅरी, प्लीज और थैक्यू यानी तीन शब्दों का प्रयोग करते हैं। बच्चों से कहा गया कि अपने घर के अच्छे लगने वाले व्यक्ति का फोटो बनाना है। किसी ने पिताजी, किसी ने मां का चित्र बनाया।  इस आवासीय कैरियर परामर्श प्रशिक्षण को सफल बनाने वालों में फादर अमल राज, देवराज, अणु कुमारी, अलोसियुस ओस्ता, बालेश्वर दास, शिवकुमार दास आदि प्रमुख रहे।  किये।  वहीं बच्चों को खाली जगह भरने को दिया गया। रिक्त स्थानों को साॅरी, प्लीज और थैक्यू से भरना था। इसके बाद यह बताना था कि घर और गांव के लोगों के बारे में जो साॅरी, प्लीज और थैक्यू यानी तीन शब्दों का प्रयोग करते हैं। बच्चों से कहा गया कि अपने घर के अच्छे लगने वाले व्यक्ति का फोटो बनाना है। किसी ने पिताजी, किसी ने मां का चित्र बनाया।  इस आवासीय कैरियर परामर्श प्रशिक्षण को सफल बनाने वालों में फादर अमल राज, देवराज, अणु कुमारी, अलोसियुस ओस्ता, बालेश्वर दास, शिवकुमार दास आदि प्रमुख रहे। 

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