बेगूसराय : सदस्यता अभियान की बैठक में मासूमों के प्रति शोक सभा का आयोजन फिर 56 भोग का व्यंजन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 23 जून 2019

बेगूसराय : सदस्यता अभियान की बैठक में मासूमों के प्रति शोक सभा का आयोजन फिर 56 भोग का व्यंजन

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अरुण कुमार (आर्यावर्त) सदस्यता अभियान को लेकर बुलाई गई बीजेपी की बैठक की शुरुआत मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से मरने वाले मासूमों को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई। मंच पर बैठे तमाम बड़े नेताओं ने हाथ बांधकर बच्चों की मौत पर शोक जताया। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने मुजफ्फरपुर में फैले मातम पर सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों पर प्रकाश डालने के बजाय बात को को ले आये बिहार में पार्टी को कैसे सबसे मजबूत बनाया जाए इसको लेकर चर्चा छिड़ गई।शायद सरकार के पास मासूमों के लिये कोई कदम उठाने जैसी बात ही नहीं रह गई हो।कारण की मासूम तो मर चुके है,इस दुनियां में रहे ही नहीं तो उनके लिये सिक्दहाना क्या?और जी हैं वो रहें या नहीं सरकार को इससे फर्क ही क्या पड़नेवाला है।जी रहेगा वो चुनाव के समय में वोट तो देगा ही चाहे जैसे दे।तो आम जन-जीवन के बारे में औपचारिकता पूरी करनी थी सी शोक माना कर कर लिया और बात आ गई सदस्यता अभियान में तेजी लाने की रणनीति पर और उसके बाद यह लक्ष्य तय हुआ कि 2020 के विधानसभा चुनाव के पहले बिहार में बीजेपी सबसे ज्यादा सदस्यों वाली पार्टी बने।बैठक खत्म होने के साथ मासूमों के लिए संवेदना का दौर पीछे छूट गया। कारण यह था कि ऐसी में बैठकर बकबक करते करते पेट खाली हो चुका था,और सामने 56 भोग भी परोसा हुआ था। तो नीचे से  लेकर ऊपर तक के सभी कार्यकर्ता तक पार्टी दफ्तर में आयोजित दावत पर टूट पड़े। सामने जायकेदार भोजन था लिहाजा किसी को इस बात की फिक्र नहीं रही की जिनके घरों का चिराग चमकी बुखार ने बुझा दिया उनके यहां शायद कई दिनों से चूल्हा तक नहीं जला होगा। और ये नेता लोग अपने पेट की आग बुझाने के साथ साथ जिह्वा को स्वाद देने के लिये आतुर भजन पर भूखे शेर की तरह टूट पड़े।बिहार में पार्टी को सबसे मजबूत बनाना है लिहाजा कार्यकर्ताओं और नेताओं को खा पीकर तंदुरुस्त रहना होगा। लेकिन उनका क्या जो आए तो थे जिंदगी जीने के लिये,लेकिन चमकी बुखार ने उन्हें काल के गाल में पहुंचा दिया।ताज्जुब है इन नेताओं को कैसे खाया गया मासूम बच्चों को श्रद्धांजलि देने के बाद,सही में नेता के पास दिल नाम की कोई चीज ही नहीं होती है,यह बात भी इस बैठक में साबित हो ही गया।

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