विशेष : डॉ॰ हर्षवर्धन मूल्यों की राजनीति के प्रेरक - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 9 जून 2019

विशेष : डॉ॰ हर्षवर्धन मूल्यों की राजनीति के प्रेरक

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नरेन्द्र मोदी की दूसरी बार बनी केन्द्र सरकार के मंत्रिपरिषद में अनुभवी, कार्यक्षम एवं विशेषज्ञ नए-पुराने चेहरों की उपस्थिति नई सरकार को और प्रभावी बनाने एवं बेहतर परिणाम देने वाली बनायेगी, ऐसा विश्वास है। देखने में आ रहा है कि यहां व्यक्ति और मंत्रालय का महत्व नहीं है, महत्व है काम करने का, देश को निर्मित करने का। इस मंत्रिपरिषद में एक चर्चित नाम है डॉ॰ हर्षवर्धन का। चर्चा का कारण उनकी राजनीति नहीं, बल्कि उनकी विशिष्ट कार्यशैली एवं सादगीपूर्ण जीवनशैली है। उन्हें पृथ्वी विज्ञान, विज्ञान एवं तकनीक, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण जैसे जीवन से सीधे रूप में जुड़े मंत्रालयों की जिम्मेदारी दी गयी है। निश्चित ही नये भारत की इन आधारभूत जरूरतों को देखते हुए वे हर बार की तरह कुछ नया करेंगे।  वैसे तो दिल्ली में सातों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी जीत का श्रेय विश्वनायक नरेन्द्र मोदी को ही जाता है। फिर भी दिल्ली में लम्बे समय से भाजपा के कुछ व्यक्तित्व ऐसे हैं, जिनका काम एवं राजनीतिक चरित्र ऐसे रहे हैं कि उन पर जनता का विश्वास अटल हैं, उनमें एक नाम है डॉ॰ हर्षवर्धन। उनका दिल्ली की राजनीति में चारित्रिक एवं नैतिक मूल्यों का एक युग रहा है। भाजपा के लिये वे एक बड़ी ताकत है। आज भाजपा की ऐतिहासिक जीत में ऐसे नैतिक चेहरों का विशेष योगदान है। दिल्ली में आज भाजपा जिस मुकाम पर है, उसे इस मुकाम पर पहुंचाने में जिन लोगों का योगदान है, उनमें डॉ॰ हर्षवर्धन अग्रणी हंै। 

डॉ॰ हर्षवर्धन की पहचान सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में रही है। वे भारतीय राजनीति के जुझारू एवं जीवट वाले नेता हैं, यह सच है कि वे दिल्ली के हैं यह भी सच है कि वे भारतीय जनता पार्टी के हैं किन्तु इससे भी बड़ा सच यह है कि वे राष्ट्र के है, राष्ट्रनायक हैं। देश की वर्तमान राजनीति में वे दुर्लभ व्यक्तित्व हैं। टैक्नोलोजी के धनी, उच्च शिक्षा और कुशल प्रशासक के रूप में उन्होंने देश के गौरव को बढ़ाया है। उदात्त संस्कार, लोकजीवन से इतनी निकटता, इतनी सादगी, सरलता और इतनी सचाई ने उनके व्यक्तित्व को बहुत और बहुत ऊँचा बना दिया है। वे तो कर्मयोगी हैं, देश की सेवा के लिये सदैव तत्पर रहते हैं, किसी पद पर रहे या नहीं, हर स्थिति में उनकी सक्रियता एवं जिजीविषा रहती है, एक राष्ट्रवादी सोच की राजनीति उनके इर्दगिर्द गतिमान रहती है। वे सिद्धांतों एवं आदर्शों पर जीने वाले व्यक्तियों की शंृखला के प्रतीक हैं। इन चुनावों में उनकी जीत को राजनैतिक जीवन में शुद्धता की, मूल्यों की, राजनीति में सिद्धान्तों की, आदर्श के सामने राजसत्ता को छोटा गिनने की या सिद्धांतों पर अडिग रहकर न झुकने, न समझौता करने की मौलिक सोच है। हो सकता है ऐसे कई व्यक्ति अभी भी विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे हों। पर ऐसे व्यक्ति जब भी रोशनी में आते हैं तो जगजाहिर है- शोर उठता है, नये कीर्तिमान स्थापित होते हैं। डॉ॰ हर्षवर्धन ने तीन दशक तक सक्रिय राजनीति की, अनेक पदों पर रहे, पर वे सदा दूसरों से भिन्न रहे। घाल-मेल से दूर। भ्रष्ट राजनीति में बेदाग। विचारों में निडर। टूटते मूल्यों में अडिग। घेरे तोड़कर निकलती भीड़ में मर्यादित। उनके जीवन से जुड़ी विधायक धारणा और यथार्थपरक सोच ऐसे शक्तिशाली हथियार है जिसका वार कभी खाली नहीं गया, इस बार भी उन्होंने यही साबित किया हैं।

डॉ॰ हर्षवर्धन इस बार चांदनी चैंक से विजय रहे हैं, इससे पूर्व वे कृष्णा नगर विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित रहे हैं। वे मोदी सरकार में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, पृथ्वी विज्ञान मंत्री बने। इनके नेतृत्व में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तमाम उपलब्धियां हासिल की हैं। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री के तौर पर इन्होंने पर्यावरण की रक्षा के लिए एक बड़े नागरिक अभियान ग्रीन गुड डीड्स की शुरुआत की है। इस अभियान को ब्रिक्स देशों ने अपने आधिकारिक प्रस्ताव में शामिल किया है। वे पेशे से नाक, कान और गले के रोगों के चिकित्सक हैं। दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार (1993-1998) के दौरान इन्होंने स्वास्थ्य मन्त्री, कानून मन्त्री और शिक्षा मन्त्री सहित राज्य मन्त्रिमण्डल में विभिन्न पदों पर कार्य किया। वे दिल्ली विधानसभा चुनाव के इतिहास में कभी नहीं हारे हैं। डॉ॰ हर्षवर्धन बचपन से ही हिन्दू राष्ट्रवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य रहे हैं। ये भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर 1993 में कृष्णा नगर विधानसभा क्षेत्र से चुने गये थे और दिल्ली की विधानसभा के सदस्य बने। इन्हें दिल्ली की सरकार में कानून और स्वास्थ्य मन्त्री नियुक्त किया गया। 1996 में ये शिक्षा मन्त्री बने। राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय में अपने समय के दौरान इन्होंने अक्टूबर 1994 में पोलियो उन्मूलन योजना का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम सफल रहा और फिर इसे भारत सरकार द्वारा पूरे देश भर में अपनाया गया। चुनाव से सवा महीने पूर्व 23 अक्टूबर 2013 को उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिये राज्य के मुख्यमन्त्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया। वे 32 सालों से भाजपा से जुड़े हैं और 3 साल तक उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाली है। कार्यशील तथा सिद्धांतवादी डॉ॰ हर्षवर्धन को दिल्ली में मि. क्लीन के नाम से जाना जाता है।

डॉ॰ हर्षवर्धन हमंे अनेक मोड़ों पर राजनीति में नैतिकता का संदेश देते हुए दिखाई देते हैं कि घाल-मेल से अलग रहकर भी जीवन जिया जा सकता है। निडरता से, शुद्धता से, स्वाभिमान से। उन्हें दिल्ली का नायक माना जाता है, उन्होंने भाजपा को एक नई पहचान दी। केन्द्र में वे नरेन्द्र मोदी सरकार में एक सशक्त एवं कद्दावर मंत्री थे। कई नए अभिनव दृष्टिकोण, राजनैतिक सोच और कई योजनाओं की शुरुआत की तथा विभिन्न विकास, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण परियोजनाओं के माध्यम से लाखों लोगों के जीवन में सुधार किया, उनमें आशा का संचार किया। अपनी सादगी एवं सरलता से उन्होंने राजनीति को एक नया दिशाबोध दिया है। केन्द्रीय मंत्री या अन्य उच्च पदों पर होने के बाद भी उन्होंने अपने रहन-सहन में जरा भी बदलाव नहीं किया। वे दिल्ली के लिए अपनी आवाज उठाने और उसके हक में लड़ने वाले विशिष्ट नेताओं में से एक हैं। वे दिल्ली भाजपा संगठन के लिए एक धरोहर हैं। उन्होंने भाजपा को दिल्ली में मजबूत करने के लिए कठोर परिश्रम किया। वह अपने क्षेत्र की जनता के लिए हमेशा सुलभ रहते हैं। वे युवावस्था में ही सार्वजनिक जीवन में आये और काफी लगन और सेवा भाव से समाज की सेवा की। भारतीय राजनीति की वास्तविकता है कि इसमें आने वाले लोग घुमावदार रास्ते से लोगों के जीवन में आते हैं वरना आसान रास्ता है- दिल तक पहुंचने का। हां, पर उस रास्ते पर नंगे पांव चलना पड़ता है। डॉ॰ हर्षवर्धन इसी तरह नंगे पांव चलने वाले एवं लोगों के दिलों पर राज करने वाले राजनेता हैं, उनके दिलो-दिमाग में दिल्ली एवं यहां की जनता हर समय बसी रहती है। काश! सत्ता के मद, करप्शन के कद, व अहंकार के जद्द में जकड़े-अकड़े रहने वाले राजनेता उनसे बोधपाठ लें। निराशा, अकर्मण्यता, असफलता और उदासीनता के अंधकार को उन्होंने अपने आत्मविश्वास और जीवन के आशा भरे दीपों से पराजित किया और कर रहे हैं। अणुव्रत आन्दोलन के कार्यक्रमों के सिलसिले में उनसे अनेक बार मिलना होता रहा, आचार्य श्री तुलसी एवं आचार्य श्री महाप्रज्ञ से उनकी अनेक महत्वपूर्ण वार्तालाप का मैं साक्षी बना। इस वर्ष पुत्र गौरव गर्ग की शादी के अवसर पर उन्होंने अपनी तमाम व्यस्तताओं के बीच जो प्रेरक संदेश एवं उपस्थिति का अहसास कराया, मेरे मन में उसकी एक अनूठी छाप पड़ी हैं।  

डॉ॰ हर्षवर्धन भाजपा के एक रत्न हैं। उनका सम्पूर्ण जीवन अभ्यास की प्रयोगशाला है। उनके मन में यह बात घर कर गयी थी कि अभ्यास, प्रयोग एवं संवेदना के बिना किसी भी काम में सफलता नहीं मिलेगी। उन्होंने अभ्यास किया, दृष्टि साफ होती गयी और विवेक जाग गया। उन्होंने हमेशा अच्छे मकसद के लिए काम किया, तारीफ पाने के लिए नहीं। खुद को जाहिर करने के लिए जीवन जी रहे हैं, दूसरों को खुश करने के लिए नहीं। उनके जीवन की कोशिश है कि लोग उनके होने को महसूस ना करें बल्कि उनके काम को महसूस करें। उन्होंने अपने जीवन को हर पल एक नया आयाम दिया और जनता के दिलों पर छाये रहे। उनका व्यक्तित्व एक ऐसा आदर्श राजनीतिक व्यक्तित्व हैं जिन्हें सेवा और सुधारवाद का अक्षय कोश कहा जा सकता है। उनका आम व्यक्ति से सीधा संपर्क है। यही कारण है कि आपके जीवन की दिशाएं विविध एवं बहुआयामी हैं। आपके जीवन की धारा एक दिशा में प्रवाहित नहीं हुई, बल्कि जीवन की विविध दिशाओं का स्पर्श किया है और कर रही है। यही कारण है कि कोई भी महत्त्वपूर्ण क्षेत्र आपके जीवन से अछूता रहा हो, संभव नहीं लगता। आपके जीवन की खिड़कियाँ राष्ट्र एवं समाज को नई दृष्टि देने के लिए सदैव खुली रहती है। इन्हीं खुली खिड़कियों से आती ताजी हवा के झोंकों का अहसास भारत की जनता सुदीर्घ काल तक करती रहेगी, उन्हें जो भी दायित्व दिया जायेगा, वे उस पर खरे उतरेंगे, इसमें कोई सन्देह नहीं हैं। 


 (ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कंुज अपार्टमेंट
25 आई. पी. एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली-92

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