झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 11 जून - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 11 जून 2019

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 11 जून

राष्ट्रीय पक्षी मोरो की सुरक्षा एवं संरक्षण के प्रति शासन और जिला प्रषासन का रवैया पूरी तरह से उदासीन, सोमवार को जागरूक नागरिकों ने एक मोर को कुत्ते का भोजन बनते बचाया

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झाबुआ। जिले के पेटलावद तहसील एवं उक्त तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम झकनावदा में राष्ट्रीय पक्षी मोरो की संख्या करीब 400 से भी अधिक है, लेकिन इनके आहार एवं पानी हेतु कोई पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। इनके दाना-पानी हेतु कोई समुचित स्थान भी नियत नही है। जिसके चलते मोर आए दिन विचरते हुए दाना-पानी चुगने हेतु सड़क किनारे आ जाते है और जंगली जानवरों के साथ कुत्ते-बिल्ली आदि के शिकार हो जाते है।  ऐसी ही एक घटना सोमवार सुबह 8 बजे की है, जब एक मोर पानी पीने नाली के किनारे पहुंचा, जहां पानी पीते समय मोर को एक कुत्ते का शिकार होते देख ठाकुर जगपालसिंह राठौर, ठाकुर विजय बहादुर, रतनलाल चोयल ने कुत्ते का शिकार होते मोर की जान बचाई। बाद इसकी जानकारी राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग के प्रतिनिधि प्रदेश अध्यक्ष मनीष कुमट व गोपाल विश्वकर्मा को मिलने पर सभी ने मिलकर मोर का प्राथमिक उपचार कर समीपस्थ स्वास्थ्य केंद्र पर करवाकर बाद वापस गड़ी में उचित स्थान पर छोड़ दिया।

तत्कालीन कलेक्टर को मोर अभ्यारण केंद्र बनाए हेतु दिया गया था आवेदन
इस हेतु पूर्व में भी राष्ट्रीय मानवधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग की टीम व झकनावदावासियो ने झकनावदा में मोर अभ्यारण केंद्र बनाने हेतु पूर्व तत्कालीन कलेक्टर आशीष सक्सेना को झकनावदा प्रवास के दौरान आवेदन के माध्यम से अवगत भी करवाया था, जिसके बाद भी आज तक शासन-प्रषासन द्वारा राष्ट्रीय पक्षी मोर को सुरक्षित करने की दृष्टि से कोई पुख्ता इंतजामात या व्यवस्थाएं नहीं की गई है। यदि इसी तरह राष्ट्रीय पक्षी को समय पर दाना-पानी नहीं मिलने एवं जहरीले जानवरों का षिकार होने से आगामी समय में इनकी संख्या में नाम-मात्र की ही रह जाएगी।

जवाबदारों का कहना
- मैं अभी मीटींग में व्यस्त हूॅ, बाद में चर्चा करता हूॅ। प्रबल सिपाहा, कलेक्टर झाबुआ।
- आपकी बात से मैं सहमत हूॅ। नेषनल बर्डस मोर की सुरक्षा एवं उनके समय पर आहार एवं पानी की व्यवस्था होना चाहिए। इसके लिए वन विभाग ध्यान दे रहा है। मैं विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर निर्देषित करती हूॅ।
श्रीमती जमुना भिड़े, सीईओ, जिला पंचायत झाबुआ।

झाबुआ सहित प्रदेश के आठ स्थानों में खोले जायेंगे उत्कृष्ट संस्थान

झाबुआ । 10 जुन झाबुआ जिले को म.प्र.की सरकार द्वारा एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है। अब झाबुआ सहित प्रदेश के आठ स्थानों में इन्दौर, उज्जैन, छिन्दवाड़ा, जबलपुर , सागर, ग्वालियर और रीवा में उत्कृष्ट संस्थान खाले जायेंगे। जिला युवा कांगे्रस अध्यक्ष डाॅ. विक्रान्त भूरिया एवं जिला कांगे्रस प्रवक्ता हर्ष भटट ने जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया ने अपने भोपाल दोरे के दोरान प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथजी एवं उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी से भेंट कर झाबुआ में उत्कृष्ट संस्थान खोलने की मांग की थी । जिन्हें मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री ने उनकी मांग को मानते हुए झाबुआ में उत्कृष्ट संस्थान खोले जाने की घोषणा की ।  ज्ञातव्य है कि सन 1995 में तत्कालिन कांगे्रस सरकार के मुख्यमंत्री श्री दिग्गविजयीसिंह जी ने भोपाल में उच्च शिक्षा उत्कृष्ट संस्थान की स्थापना भोपाल में की थी। इस संस्थान को प्रशासनिक, अकादमिक एवं वित्तिय मामलों में शासकिय महाविद्यालय की अपेक्षा स्वतंत्र रखा गया है। यह प्रयोग पुरी तरह सफल रहा है। पिछले पन्द्रह वर्षों में तत्कालिन भाजपा सरकार द्वारा नये संस्थान खोलने मंे कोई रूची नहीं दिखाई गई । कांगे्रस सरकार ने इस योजना पर अमल करते हुए प्रदेश में नये संस्थान खोलकर  प्रतिभाशाली छात्रों को इस संस्थान में प्रवेश दिया जायेगा तथा उन्हें अच्छी तकनिकी शिक्षा प्रदान की जाएगी जिसमें आॅनलाईन शिक्षा, विडियो काॅम्फ्रैसींग के जरीये शिक्षा प्रदान की जाएगी । साथी ही गरीब छात्र चाहे वह किसी भी वर्ग का हो उसे दो हजार तक की पुस्तकें मुफ्त मिलेगी साथ ही लेपटाॅप एवं टेबलेट की भी सुविधा मुहैया कराई जायेगी । प्रदेश सरकार द्वारा दी गई इस सौगात पर प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथजी एवं उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी का आभार व्यक्त करते हुए पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया कहा कि झाबुआ जिले के लिये शिक्षा के क्षेत्र में यह सौगात मील का पत्थर साबित होगी । इस संस्थान के खुलने से झाबुआ जिले एवं आस-पास जिले के गरीब एवं आदिवासी छात्रों को इसका लाभ मिलेगा जिससे कि वे अपनी प्रतिभा का उपयोग कर अच्छी शिक्षा प्राप्त करेंगे तथा उच्च पदों के लिये भी वे सक्षम सिद्ध होंगे। जिला कांगे्रस अध्यक्ष निर्मल मेहता वरिष्ठ कांगे्रस नेता रमेश डोसी, सुरेशचन्द्र जैन शांतिलाल पडियार, विधायक सुश्री कलावती भूरिया वालसिंग मेड़ा, वीरसिंग भूरिया , मुकेश पटेल पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा जिला पंचायत अध्यक्ष शांति राजेश डामोर उपाध्यक्ष चन्द्रविरसिंग राठोर , नगरपालिका अध्यक्ष मन्नुबेन डोडियार ,कांगे्रस नेता प्रकाश रांका , गुरूप्रसाद अरोड़ा , रूपसिंग डामोर, ठाकुर हनुमन्तसिंह डाबड़ी साबिर फिटवेल , आचार्य नामदेव , विरेन्द्र मोदी , अलिमुद्धिन सयद , राजेश भटट् विनय भाबोर , आशिष भूरिया , हेमचन्द डामोर, बन्टू अग्निहोत्री, गौरव सक्सेना , केलाश डामोर , चन्दू पडियार , शंकर भूरिया, मनोहर भण्डारी, विजय पांण्डे , मनिष व्यास , जितेन्द्र प्रसाद अग्निहोत्री , सुरेश मुथा, गोपाल शर्मा विजय भाबोर , वशिम सैयद , रसीद कुरैसी अविनाश डोडियार, जय मुणिया रवि डोडियार , कांगे्रस नेत्री कल्पना भूरिया , शायराबानो, शिला मकवाना ब्लाॅक कांगे्रस अध्यक्ष गेन्दाल डामोर , यामिन शेख नरेन्द्रपाल सल्लुमिया , अग्निनारायणसिंह , भूरसिंग अजय ब्होरा , फतेहसिंह , आदि ने मुख्यमंत्री कमलनाथजी उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी प्रभारी मंत्री सुरेन्द्रसिंह बघेल(हन्नी) एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया जी का आभार माना ।

भगवान ही स्वयं वक्ता भी है और श्रोता भी है - पण्डित सतीष षर्मा शास्त्री भागवत कथा में राम, परषुराम एवं श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का प्रसंग सुनाया
नन्द के घर आनन्द भयो पर सैकडो पावं थिरके कमल तलाई मनारेथ के दर्षनों के लिये रही बेतहाषा भीड
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झाबुआ । श्री गोवर्धननाथ जी की हवेली की स्थापना के 151 वें वर्ष पर परम पूज्ष्य गोस्वामी दिव्येश कुमार जी की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में  11 दिवसीय भव्य पाटोत्सव की कडी में जहां भगवान गोवर्धननाथ के मंदिर में उल्लासपूर्वक नंदमहोत्सव मनोरथ का आयोजन दिन को हुआ वही पैलेस गार्डन में पण्डित सतीशजी शर्मा शास्त्री के श्रीमुख से भागवत कथा में रविवार को श्रीराम जन्म, श्री कृष्ण जन्म एवं नंद महोत्सव का प्रसंग सुनाया गया । भगवान श्रीकृष्ण के प्राकट्योत्सव पर खचाखच भरे कथा पाण्डाल में महिला एवं पुरूष हर्षित होकर नृत्य करने लग गये । पूरा माहौल गोकूल मथुरा में तब्दिल हो गया । भागवत कथा में भगवान श्रीराम के चरित्र का वर्णन करते हुए पण्डित सतीश शास्त्री ने कहा कि राम का वनवास मे जाना केवल उनकी लीला मात्र थी । राम का बनवास भी असूरों के संहार के साथ ही धर्म की स्थापना रहा है। उन्होने कहा कि राम को सबसे अधिक अपनी माता कैकई प्रिय थी, और राम के अनुरोध पर ही कैकई ने अपने पति दशरथ की जान की पर्वाह किये बिना राम केआग्रह पर ही उनका वनवास वरदान में मांगा था । यह रहस्य सिर्फ राम एवं कैकई ही जानते थे । कैकई ने राम के लिये अपने पति, अपने सुहाग तक को कुर्बान कर दिया । कैकई का पात्र बडा ही विलक्षण है जिसे समझ पाना आम जनों के लिये मुमकीन नही है । पण्डित सतीशजी ने आगे कहा कि स्वर्ग वही जाना चाहते है जिनमें स्वार्थ होता है । असूरों के बढते पापाचार को देखते हुए देवताओ मां सरस्वती से वंदना करके कैकई के जिव्हा पर बिरिाजित होने का आग्रह किया ताकी राम वनवास को जाये और दुष्टो का संहार हो सकें । कथा में उन्होने परशुूराम अवतार की भी विषद व्याख्या करते हुए कहा कि इस अवतार मेंभी कई रहस्य छिपे हुए है । जब सुखदेवजी भागवत कथा स्रुना रहे थे तब वे समाधिस्थ हो गये तब भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं ने सुखदेवजी कें शरीर मे प्रवेश कर राजा परिक्षित को भागवत कथा सुनाई थी । इसलिये  भागवत कथा के लिये यह कहना सार्थक होगा कि भगवान ही स्वयं वक्ता भी है और श्रोता भी है । श्री कृष्ण के प्राकट्योत्सव के बारे में बताते हुए  उन्होने कहा कि जब कंस के अत्याचारों से चारों तरफ पाप बढ़ने लगा तो भगवान कृष्ण बाल रूप में माता देवकी के जन्म लेकर यशोदा मैया के घर पर यशोदा का पुत्र बनकर धरती पर आए पापियों का संहार किया। उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन आदमी को बार-बार नहीं मिलता है। इसलिए इस कलयुग में दया, धर्म व भगवान के स्मरण से ही सारी योनियों को पार करते हुए मनुष्य जीवन का महत्व समझते हुए भगवान भक्ति में अधिक से अधिक समय देना चाहिए। उन्होंने भगवान कृष्ण के जन्म का वर्णन कर श्रोताओं का मन मोह लिया। भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कहते हैं, क्योंकि यह दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिवस माना जाता है। इसी तिथि की घनघोर अंधेरी आधी रात को रोहिणी नक्षत्र में मथुरा के कारागार में वसुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था। द्वापर युग में भोजवंशी राजा उग्रसेन मथुरा में राज्य करता था। उसके आततायी पुत्र कंस ने उसे गद्दी से उतार दिया और स्वयं मथुरा का राजा बन बैठा। कंस की एक बहन देवकी थी, जिसका विवाह वसुदेव नामक यदुवंशी सरदार से हुआ था। एक समय कंस अपनी बहन देवकी को उसकी ससुराल पहुंचाने जा रहा था। रास्ते में आकाशवाणी हुई- हे कंस, जिस देवकी को तू बड़े प्रेम से ले जा रहा है, उसी में तेरा काल बसता है। इसी के गर्भ से उत्पन्न आठवां बालक तेरा वध करेगा। यह सुनकर कंस वसुदेव को मारने के लिए उद्यत हुआ। तब देवकी ने उससे विनयपूर्वक कहा- मेरे गर्भ से जो संतान होगी, उसे मैं तुम्हारे सामने ला दूंगी। बहनोई को मारने से क्या लाभ है ? कंस ने देवकी की बात मान ली और मथुरा वापस चला आया। उसने वसुदेव और देवकी को कारागृह में डाल दिया। वसुदेव-देवकी के एक-एक करके सात बच्चे हुए और सातों को जन्म लेते ही कंस ने मार डाला। अब आठवां बच्चा होने वाला था। कारागार में उन पर कड़े पहरे बैठा दिए गए। उसी समय नंद की पत्नी यशोदा को भी बच्चा होने वाला था। उन्होंने वसुदेव-देवकी के दुखी जीवन को देख आठवें बच्चे की रक्षा का उपाय रचा। जिस समय वसुदेव-देवकी को पुत्र पैदा हुआ, उसी समय संयोग से यशोदा के गर्भ से एक कन्या का जन्म हुआ, जो और कुछ नहीं सिर्फ माया थी। जिस कोठरी में देवकी-वसुदेव कैद थे, उसमें अचानक प्रकाश हुआ और उनके सामने शंख, चक्र, गदा, पद्म धारण किए चतुर्भुज भगवान प्रकट हुए। दोनों भगवान के चरणों में गिर पड़े। तब भगवान ने उनसे कहा- अब मैं पुनः नवजात शिशु का रूप धारण कर लेता हूं। तुम मुझे इसी समय अपने मित्र नंदजी के घर वृंदावन में भेज आओ और उनके यहां जो कन्या जन्मी है, उसे लाकर कंस के हवाले कर दो। इस समय वातावरण अनुकूल नहीं है। फिर भी तुम चिंता न करो। जागते हुए पहरेदार सो जाएंगे, कारागृह के फाटक अपने आप खुल जाएंगे और उफनती अथाह यमुना तुमको पार जाने का मार्ग दे देगी। उसी समय वसुदेव नवजात शिशु-रूप श्रीकृष्ण को सूप में रखकर कारागृह से निकल पड़े और अथाह यमुना को पार कर नंदजी के घर पहुंचे। वहां उन्होंने नवजात शिशु को यशोदा के साथ सुला दिया और कन्या को लेकर मथुरा आ गए। कारागृह के फाटक पूर्ववत बंद हो गए। कंस को सूचना मिली कि वसुदेव-देवकी को बच्चा पैदा हुआ है। उसने बंदीगृह में जाकर देवकी के हाथ से नवजात कन्या को छीनकर पृथ्वी पर पटक देना चाहा, परंतु वह कन्या आकाश में उड़ गई और वहां से कहा- अरे मूर्ख, मुझे मारने से क्या होगा? तुझे मारनेवाला तो वृंदावन में जा पहुंचा है। वह जल्द ही तुझे तेरे पापों का दंड देगा। कृष्ण गाकून पहूंच गये और नन्द यशोदा के घर पुत्र जन्म पर खुशिया मनाई गई,नन्दोत्सव मनाया गया । भगवान कृष्ण को देवकीनंनद भी कहा जाता है और यशोदा का लाल भी पुकारा जाता है । कथा में पण्डित जी बताया कि आज कल हमारी प्राचिन पंरपरा का ह्रास हो रहा है और आधुनिक परिवेश केचलते मर्यादायें भी भंग होने लगी है ।हमे सत्कर्म करके अपने जीवन को बचाना चाहिये ताकि प्रभू कृपा सतत बरसती रहे । कथा में नन्द के घर आनन्द भयो जय कन्हैयालाल की, हाथी घोडा पाकली जय कन्हैया लाल की भजन पर हजारोंपाव थिरक उठे ।महिलाओं एवं पुरूषो ं ने जमक र नृत्य कर अपनी भक्ति भावना प्रवाहित की । इस अवसर पर पूज्य दिव्येशकुमारजी द्वारा भागवतजी की आरती करके नन्दोत्सव के दौरान अपने हाथो से श्रद्धालुओं के बीच मीठाई, एवं खिलोने लुटाये जिसे प्राप्त करने के लिये सभी मचल उठे । माखन मिश्री एवं पंजरी की प्रसादी का वितरण किया गया ।

कमल तलाई मनोरथ के दर्षन के लिये उमडे श्रद्धालु जन
रात्री शयन काल में ’’बैठे  व्रजराज कुंवर प्यारी संग यमुना तीरे ’’ भजन के साथ भगवान गोवर्धननाथजी,श्रीकृष्ण जी एवं राधे रानी बनाई गई कमल तलाई में सुंदर कमल के फुलो से सजी झांकी मे बिराजित हुए जहां पूज्य दिव्येशकुमारजी ने उनकी पूजा अर्चना के साथ लाड लडाने का अनुष्ठासन किया । पूरा मंदिर खचाखच भर गया था तािा कतार बद्ध होकर लोगों ने भगवान के इस मनोहारी स्वरूप का दर्शन किया ।

भारतीय सनातन हिन्दू संस्कृति में पर्यावरण को देवतुल्य स्थान दिया गया है- पूज्य दिव्येषकुमार जी
हाथीपावा पर किया वृक्षा रोपण पक्षियों के लिये दाना डाला
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झाबुआ । श्री गोवर्धननाथजी की हवेली मे बिराजित परम पूज्य गोस्वामी दिव्येशकुमार जी सोमवार को प्रातः 7 बजे हाथी पावा के टेकरी पर पहूंचे जहां गुड मार्निंग क्लब हाथीपावा के सदस्य अजय रामावत, कमलेश पटेल, नीरजसिंह राठौर, श्रीराम, श्री पटेल, आशीष डोसी, राजेन्द्र शाह, के अलावा हरिश शाह, गोपाल हरसौला आदि लोगों ने पूज्यश्री का पुष्पमालाओं से स्वागत किया । दिव्येशकुमार जी ने हाथी पावा पहाडी पर मोरों के चुगने के लिये बनाये गये चबुतरे पर अनाज डाल कर पक्षियों के आहार  प्रदान किया । इस अवसर पर उन्होने हाथीपावा के टेकरी पर वृक्षारोपण भी किया । इस अवसर पर उन्होने पर्यावरण संरक्षण के लिये नगरवासियों विशेष कर गुड मार्निंब क्लब के सदस्यों द्वारा वृक्षों को जीवित रखने के लिये प्रतिदिन पानी पीलाने के कार्य को सराहनीय बताते हुए कहा कि विश्व की प्राचीनतम् संस्कृति भारतीय सनातन हिन्दू संस्कृति में पर्यावरण को देवतुल्य स्थान दिया गया है। यही कारण है कि पर्यावरण के सभी अंगों को जैसे जल, वायु, भूमि को देवताओं से जोड़ा गया हैं, देवता ही माना गया है। हिन्दू दर्शन में मूल ईकाई जीव में मनुष्य में पंच तत्वों का समावेश माना गया है। मनुष्य पांच तत्वों जल, अग्नि, आकाश, पृथ्वी और वायु से मिलकर बना । भारतीय पौराणिक ग्रंथों, ज्योतिष ग्रंथों व आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार ग्रहों व नक्षत्रों से संबंधित पौधों का रोपण व पूजन करने से मानव का कल्याण होता है। आम लोगों को इन वृक्षों के वैज्ञानिक, आध्यात्मिक, ज्योतिषीय व आयुर्वेदिक महत्व के बारे में पता होना चाहिए, जिससे प्रकृति पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिले । यह एक उत्तम कार्य होगा आने वाली पीढ़ी और संस्कृति संरक्षण के लिए। पूज्य श्री ने हाथीपावा टेकरी के विभिन्न दर्शनीय स्थानों का भी अवलोकन किया तथा स्वयं ने हाथीपावा पहाडी के नीचे के जंगलों का अवलोकर करके इसे प्रकृर्ति का वरदान बताया । उन्होने ध्यान केन्द्र, सहित विभिन्न स्थानों का अवलोकन किया ।उन्होने पक्षियों की सेवा के लिये क्लब के सदस्यों द्वारा प्रति दिन 15 किलो अनाज की व्यवस्था करके मुक पक्षियों के लिये किये जारहे कार्यो की मुक्त कंठ से प्रशंसा भी की ।

रोटरी क्लब ‘मेन’ झाबुआ द्वारा फिजियोथैरापी सेंटर का लोकार्पण 12 जून को रोटरी सदन में

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झाबुआ। रोटरी क्लब ‘मेन’ झाबुआ द्वारा अपने एक बड़े स्थायी प्रकल्प के रूप में 12 जून, बुधवार को दोपहर 11 बजे स्थानीय सिद्धेष्वर काॅलोनी स्थित रोटरी सदन में श्रीमती अनिता बसंत मेमोरियल फिजियोथैरापी सेंटर का लोकार्पण किया जा रहा है। लोकार्पण नव-निर्वाचित सांसद गुमानसिंह डामोर के मुख्य आतिथ्य एवं सीनियर रोटेरियन लोकेन्द्र पापालाल एवं रोटेरियन नीतिन डफरिया (पूर्व मंडलाध्यक्ष) के विषेष आतिथ्यि में होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ रो. एसपी बंसल (ंइंदौर) करेंगे। यह जानकारी देते हुए प्रकल्प प्रभारी रो. यषवंत भंडारी एवं रो. उमंग सक्सेना तथा रोटरी क्लब ‘मेन’ अध्यक्ष रो. अमितसिंह जादौन (यादव) ने बताया कि स्थानीय रोटरी सदन में फिजियोथैरापी सेंटर प्रारंभ होने से शहर सहित संपूर्ण जिले को एक बड़ी सौगात मिल सकेगी। लोगों को फिजियोथैरापी सेंटर खुलने से स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी सुविधा होगी। रोटरी क्लब ‘मेन’ द्वारा लोकार्पण समारोह की पूर्व तैयारियां के क्रम में समारोह में रोटरी, रोटरेक्ट, इन्हरव्हील क्लब, रोटरी ग्रामीण सेवा प्रकल्प के सभी पदाधिकारी-सदस्यो को आमंत्रण पत्र देने के साथ ही विभिन्न सामाजिक-धार्मिक संस्थाओं के पदधिकारियों की सहभागित हेतु भी आमंत्रण पत्र वितरित किए जा रहे है। सुविधायुक्त फिजियोथैरापी सेंटर बनकर तैयार हो चुका है। सभी मषीने भी आ चुकी है। इसका लोकार्पण गरिमामय रूप से अतिथियों द्वारा किया जाएगा।

लोकार्पण समारोह को सफल बनाने की अपील
लोकार्पण समारोह मंे शहर की सामाजिक-धार्मिक संस्थाओं के पदाधिकारियों, गणमान्य नागरिकों के साथ रोटरी के चार क्लबों के पदाधिकारियों-सदस्यों से आयोजन में पधारकर सफल बनाने की अपील वरिष्ठ रोटेरियन नुरूद्दीनभाई बोहरा, एमएल गादिया, प्रदीप रूनवाल, दिनेष सक्सेना, डाॅ. आईएस तोमर, प्रतापसिंह सिक्का, प्रमोद भंडारी, शैलेन्द्र चोरे, सचिव हिमांष त्रिवेदी, उपाध्यक्ष अर्पित संघवी, सह-सचिव यषिल शाह, कोषाध्यक्ष कार्तिक नीमा, मनोज पाठक, कार्यवाहक सचिव राकेष पोतदार, रोटरेक्ट क्लब अध्यक्ष रिंकू रूनवाल, सचिव दौलत गोलानी, इन्हरव्हील क्लब ‘मेन’ से संस्थापक ज्योति रांका, अध्यक्ष अंजु भंडारी, सचिव अर्चना सिसौदिया, कल्पना सकलेचा, रोटरी ग्रामीण सेवा प्रकल्प से अध्यक्ष नवटर डोडियार, सचिव निलेष भाबोर आदि ने की है।

गंगा दषमी और गायत्री माताजी का अवतरण दिवस पर गायत्री शक्तिपीठ काॅलेज मार्ग पर होंगे विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान, दीप यज्ञ एवं महाआरती का होगा आयोजन

झाबुआ। मां गंगा दषमी और वेद माता गायत्रीजी की जयंती (अवतरण) दिवस पर 12 जून, बुधवार को स्थानीय काॅलेज मार्ग स्थित गायत्री शक्तिपीठ पर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम संपन्न होंगे। इस दिन मुख्य रूप से शाम को मंदिर में दीप यज्ञ एवं महाआरती का आयोजन रखा गया है। यह जानकारी देते हुए गायत्री शक्तिपीठ से जुड़ी नारी जागरण अभियान की जिला संयोजिका श्रीमती नलिनी बैरागी ने बताया कि मंदिर में बुधवार को अलसुबह 4.30 बजे गायत्री माताजी का महाभिषेक पश्चात् 7.30 बजे मंगला आरती होगी। 6 से 8 बजे के बीच साधकों द्वारा मंदिर परिसर में बैठकर गायत्री महामंत्र का जाप (उच्चारण) भी किया जाएगा। बाद 9 से 12 बजे के बीच गर्भवती महिलाओं के गभोत्सव संस्कार गायत्री परिवार के जिला समन्वयक पं. घनष्याम बैरागी द्वारा संपन्न करवाएं जाएंगे। शाम 7 बजे दीप यज्ञ होगा एवं बाद रात 8 बजे महाआरती का आयोजन रखा गया है। तत्पष्चात् प्रसादी वितरण होगा।

वेद माता गायत्रीजी की महिमा
नारी जागरण अभियान की जिला संयोजिका श्रीमती नलिनी बैरागी ने मां गायत्रहजी की महिमा बताई कि गायत्री माता वेदो की माता है। उनसे संपूर्ण वेद आदि ज्ञान प्रकट हुआ है। उन्हें देव माता भी कहा गया है, यहीं माता समस्त देवताओं की उत्पत्ति करती है। उन्हें जगत माता भी कहा गया है, यहीं समस्त विष्व की जननी और पालन करने वाली है। गायत्री मंत्रजी का देवता सविता (सूर्य) है। गायत्री साधक सविता के तेज का ध्यान करने से भी महातेजस्वी बन जाता है। गायत्री मंत्रजी के ऋषि विष्वामित्रजी है। स्वयं भगवान श्री रामजी एवं श्री कृष्णजी भी गायत्री मंत्र का नित्य जाप करते थे। ऐसी मां गायत्रीजी की साधकों द्वारा आराधना-भक्ति-पूजा-अर्चना करने से समस्त संकटों एवं विपत्तियो का नाष होता है एवं घर-परिवार में सुख-षांति और समृद्धि बनी रहती है।

जिला योजना समिति की बैठक 15 जून को प्रभारी मंत्री श्री सुरेन्द्रसिंह बघेल करेगे अध्यक्षता

झाबुआ । झाबुआ जिले के प्रभारी मंत्री श्री सुरेन्द्रसिंह बघेल राज्यमंत्री नर्मदा घाटी विकास विभाग, पर्यटन विभाग मध्यप्रदेश शासन की अध्यक्षता में जिला योजना समिति की बैठक 15 जून को दोपहर 12.00 बजे कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित की जायेगी। बैठक में प्रभारी मंत्री द्वारा नियमित विद्युत आपूर्ति एवं रख-रखाव, ग्रामीण एवं षहरी क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था, जय किसान ऋण माफी योजना के क्रियान्वयन, उपार्जन, स्वास्थ्य विभाग एवं आगामी षैक्षणिक सत्र की तैयारी की समीक्षा की जायेगी।

मत्स्याखेट 16 जून से 15 अगस्त तक प्रतिबंधित

झाबुआ । प्रदेश में 16 जून से 15 अगस्त 2019 तक मत्स्याखेट प्रतिबंधित रहेगा। संचालक मत्स्योद्योग द्वारा मत्स्य प्रजनन काल को देखते हुए नदीय मत्स्योद्योग नियम के तहत यह आदेश जारी किया गया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि छोटे तालाब अथवा अन्य स्त्रोत जिनका कोई संबंध किसी नदी से नहीं है और जिन्हें निर्दिष्ट जल की परिभाषा में नहीं लिया गया है उन पर मत्स्याखेट निषेध का यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा।

दस्तक अभियान का षुभारंभ जन प्रतिनिधियो एवं कलेक्टर की उपस्थिति में किया गया
प्रचार रथ को अतिथियों ने हरी झण्डी दिखाकर किया रवानादस्तक अभियान का प्रथम चरण 10 जून से 20 जुलाई तक चलाया जायेगा
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झाबुआ । दस्तक अभियान का प्रथम चरण 10 जून से 20 जुलाई तक चलाया जायेगा। कलेक्टर श्री प्रबल सिपाहा के नेतृत्व में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती षांति डामोर, नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमति मन्नु डोडियार, नगरपालिका उपाध्यक्ष श्रीमती रोषनी डोडियार, मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ बी एस बारीया, एवं सिविल सर्जन डाॅ आर एस प्रभाकर, जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ राहुल गणावा, डाॅ एन के पठान, डाॅ एस.एस.गाडरीया, डाॅ. सावन चैहान, श्री आर एस बघेल, श्री राजाराम खन्ना जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रबंधक की उपस्थिति में जिला चिकित्सालय झाबुआ में आज दस्तक अभियान का उद्वघाटन कर दस्तक अभियान दल को हरी झण्डी देकर जन जागरूकता रैली से अभियान की षुरूआत की गयी। अभियान अन्तर्गत 271 दस्तक दल, 39 जिला स्तरीय अधिकारियों की मानीटरिंग में जिले के कुल 153644 पाॅच वर्र्षीय बच्चों की जाॅच कर उन्हें बाल एनीमिया, दस्त रोग, कुपोषण, निमोनिया, जन्मजात विकृति की जानकारी, छुटे हुए टीकों की पहचान कर उनका टीकाकरण, एसएनसीयु व एनआरसी से छुटी प्राप्त बच्चों को उनका फालोअप, इत्यादि सेवाओं का आच्छादन किये जाने हेतु एएनएम, आषा व आॅगनवाडी कार्यकर्ताओं को अपने अपने कार्य क्षेत्रों में रवाना किया गया।

झाबुआ  ब्लाॅक के रोटला  तालाब गहरीकरण हेतु 10 एच पर चूने की लाइन डाली गई
ग्रामीण क्षेत्रो में ग्रामीणो द्वारा जन सहयोग से किया जा रहा तालाबो का गहरीकरण
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झाबुआ । कलेक्टर प्रबल सिपाहा के नेत्तृव मंें जिले में जल संरक्षण के कार्य प्राथमिकता से किये जा रहे। झाबुआ ब्लाॅक के रोटला, कालापीपल, उमरी, भगोर एवं पिलीयाखदान में जनसहयोग से तालाबो का गहरीकरण आम जनता द्वारा सहर्ष किया जा रहा है। रोटला तालाब का गहरीकरण हेतु 10 एच पर चुने की लाईन डाली गई। किसानो द्वारा अपने व्यव पर मिटटी निकालने का कार्य किया जा रहा था। किसान तालाब की उपजाऊ मिटटी को अपने खेतो में स्वयं के व्यय से टेªक्टर की व्यवस्था कर ले जा रहे है। इस तरह कलेक्टर श्री प्रबल सिपाहा के मार्ग दर्षन में तालाबों का गहरीकरण होने से उन में ओर अधिक जल संचय हो पायेगा एवं  किसानो को भी उपजाऊ मिट्टी मिल जायेगीं।

विद्यार्थियो के लिये अवकाष  23 जून तक भीषण गर्मी को देखते हुवे षासन ने जारी किया आदेष

झाबुआ । जिले के अंतर्गत संचालित समस्त षासकीय एवं निजी शिक्षण संस्थानों को शासन के निर्देशानुसार विद्यार्थियों के अध्ययन हेतु 23 जून तक संचालित नहीं किया जायेगा। भीषण गर्मी से विद्यार्थियों को बचाने के लिये षासन द्वारा इस सम्बंध में आदेष जारी कर पालन करवाने हेतु निर्देष दिये गये है। उल्लेखनीय है कि स्कूल शिक्षा विभाग, मध्यप्रदेश ने प्रदेश के सभी शिक्षक संस्थानों के ग्रीष्मकालीन अवकाश के दिनांक को लेकर पहले ही निर्देश दे दिये थे, जिसके अनुसार प्रदेश के समस्त शिक्षण संस्थानों में 1 अप्रैल 2019 से प्रारंभ होने वाले शैक्षणिक सत्र 2019-20 हेतु ग्रीष्मकालीन अवकाश शिक्षकों के लिये दिनांक 1 मई, 2019 से 9 जून, 2019 रहेगा। वहीं विद्यार्थियों हेतु 1 मई, 2019 से 16 जून, 2019 तक अवकाश घोषित किया गया था।

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