- हाल के दिनों में शहर की कई सड़कें चकाचक हुई हैं खासकर सिक्सलेन पर तो दिन हो या रात वाहन चालक रेस लगाते हैं
पूर्णिया : हाल के दिनों में शहर में सड़क दुर्घटना के बढ़ने के पीछे वैसे तो कई कारण हैं लेकिन अप्रशिक्षित वाहन चालकों के द्वारा चलाए जा रहे वाहन, अतिक्रमित सड़क, यातायात नियमों का पालन न करना मुख्य कारण है। इसमें ऑटो, पिकअप, ट्रैक्टर, बाइक और कई अन्य छोटी गाड़ियों को चलाने वाले नौसिखिये चालक शामिल हैं। इनमें से आधे के पास ही ड्राइविंग लाइसेंस हैं। पुलिस और सड़क सुरक्षा से जुड़े अधिकारी सब देखकर भी कुछ कर पाने की स्थिति में नही हैं। गंतव्य तक पहुंचने की जल्दबाजी में ये चालक अनुभव नहीं होनेे के कारण रेस लगाते हैं और हादसे के शिकार होते हैं। सिग्नल व्यवस्था की कमतरी ऐसे चालकों को मनमानी की छूट देती है। पहले सड़कों के खास्ताहाल दुर्घटनाओं के चलते बनते थे लेकिन अब चिकनी सड़कों पर दुर्घटनाओं के तोहमत लग रहे हैं। हाल के दिनों में शहर की कई सड़कें चकाचक हुई हैं खासकर सिक्सलेन पर तो दिन हो या रात वाहन चालक रेस लगाते हैं। सड़क हादसों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के बावजूद भी लोग सर्तक नहीं हो पा रहे हैं। सड़कों की हालत बदलने के बाद भी दुर्घटनाओं में वृद्धि के कई कारण हैं। अतिक्रमण से सड़कें संकरी होकर आधी बची हैं। कहीं भी सड़क के किनारे फ्लेंक नहीं बच गया है। सड़क के किनारे वाले पिच तक सड़क को अपनी जागीर समझ बैठे हैं। वहीं डीटीओ पूर्णिया विकास कुमार कहते हैं कि सप्ताह में एक दिन सघन वाहन जांच शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी की जाएगी। साथ ही सभी बस व ट्रक चालकों से प्रेशर हॉर्न का इस्तेमाल नहीं करने को ले जागरूक किया जाएगा। बात नहीं बनी तो बेशक कार्रवाई की जाएगी।
...हेलमेट नहीं लगाना बन गया है फैशन :
क्षेत्र में सबसे अधिक मौत बाइक दुर्घटनाओं में हो रही है। बिना हेलमेट पहने सड़कों पर फर्राटा भर रहे युवा अपने अलावा दूसरों की भी जान जोखिम में डाल रहे हैं। दुर्घटनाओं में घायल होने वाले कम उम्र के युवा व टीनएजर्स की संख्या अधिक है। ट्रैफिक इंस्पेक्टर सुभाष बैद्यनाथन कहते हैं कि अभिभावक इसमें सबसे ज्यादा जिम्मेवार हैं। जागरूकता के अभाव में टीनएजर बाइक सवार हेलमेट व जूते का प्रयोग नहीं करते हैं। आमतौर पर पहले ड्राइविंग के दौरान नशे में धुत रहने या मोबाइल के प्रयोग के चलते भी कई दुर्घटना होती थी लेकिन शराबबंदी के बाद ऐसे हादसों की संख्या में कमी आई है। लेकिन वाहन चलाने के क्रम में मोबाइल का प्रयोग एमवी एक्ट में दंडनीय होने के बाद भी धड़ल्ले से जारी है। उन्होंने कहा कि प्रशासन नियमित अंतराल पर वाहन चेकिंग कर लोगों में जागरुकता पैदा करता है। नाबालिगों को गाड़ी देने पर गाड़ी मालिक के ऊपर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों को बिना परिपक्व हुए गाड़ी चलाने को न दें, सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है। वहीं सदर अस्पताल सूत्रों की माने तो प्रतिदिन कम से कम 20 मामले सड़क हादसे में घायल लोगों के आते हैं।
...होगी कार्रवाई :
नौसिखिये वाहन चालकों पर नजर रखी जा रही है और पकड़े जाने पर कार्रवाई भी की जाएगी। बिना हेलमेट व जूतों के बाइक चलाने वालों और सीट बेल्ट बांधे बगैर कार ड्राइव करने वालों पर जल्द ही अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही ट्रक व बस चालकों पर भी नकेल कसी जाएगी और प्रेशर हॉर्न को गाड़ियों से दूर किया जाएगा। : विकास कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी, पूर्णिया।
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