पूर्णिया : रानीपतरा से रजीगंज जाने वाली सड़क दो वर्षों से जर्जर, नहीं हो रही कार्रवाई - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 23 जून 2019

पूर्णिया : रानीपतरा से रजीगंज जाने वाली सड़क दो वर्षों से जर्जर, नहीं हो रही कार्रवाई

roads-purnia
पूर्णिया : प्रखंड के रानीपतरा बाजार से रजीगंज होते हुए श्रीनगर चौक जाने वाली मुख्य सड़क की स्थिति पिछले दो वर्षों से काफी जर्जर है। मालूम हो कि सड़क जितनी तेजी से बनी थी उतनी ही तेजी से वह धूल धूसरित हो गई है। बड़े बड़े गड्‌ढ़ों से होकर लोगों को आवागमन करना पड़ता है। जिससे आम अवाम परेशान है। 2010 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत लगभग 32 लाख की लागत से इस सड़क का निर्माण कार्य हुआ था। जिसकी दूरी 7.480 किमी है। सड़क निर्माण होने के बाद धीरे धीरे गड्‌ढ़े में तब्दील हो रही है। आज स्थिति यह है कि इस सड़क से चलने वाले लोगों को काफी समस्या झेलनी पड़ती है। इस सड़क के माध्यम से रजीगंज, फसिया, मोतीनगर, श्रीनगर आदि गांवों के हजारों लोग प्रतिदिन सफर करते हैं। मालूम हो कि रानीपतरा बाजार के पास अगर किसी कारणवश जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती है तो ज्यादातर गाड़ी इसी सड़क के माध्यम से होकर गुजरती है। लेकिन सड़क खराब होने के लोगों को काफी कठनाई झेलनी पड़ती है। रजीगंज गांव के गौरव कुमार, विनय साह, अनील साह का कहना है कि गांव की आबादी सैकड़ों में है और करीब 100 घर हैं। लेकिन सड़क की समस्या के साथ साथ शुद्ध पेय जल की व्यवस्था नहीं हो पाई है। समय पर सड़क की देखभाल नहीं होने के कारण सड़क का ये हाल है। वहीं ग्रामीण मंटू चौधरी बताते हैं कि हमलोगों ने कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधि से सड़क की समस्या को लेकर शिकायत भी की लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं हुअा। इस समस्या को लेकर वरीय पदाधिकारी को भी लिखित आवेदन देने की बात ग्रामीणों ने कही।

कोई टिप्पणी नहीं: