इससे बेहतर तो स्कूल होता है : नायडु - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 27 जून 2019

इससे बेहतर तो स्कूल होता है : नायडु

school-is-better-then-parliament
नयी दिल्ली 26 जून,  राज्यसभा के सभापति एम . वेंकैया नायडु ने सदन के सदस्याें के व्यवहार पर टिप्पणी करते हुुए बुधवार को कहा कि इससे बेहतर तो स्कूल होता है। श्री नायडु ने सुबह सदन की कार्यवाही शुरू करते हुए जरुरी दस्तावेज पटल पर रखवायें और सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें अपना वक्तव्य देते वक्त समयसीमा का ध्यान रखना चाहिए। वक्तव्य के समय अन्य सदस्यों को धीरे बोलना चाहिए और कार्यवाही में व्यवधान पैदा नहीं करना चाहिए। सदन में व्यवस्था बनाने के लिए यह जरुरी है कि सभी सदस्य सदन के नियमों का पालन करें। सभापति ने कहा, “किसी सदस्य ने कहा है कि यह कोई स्कूल है? .... अरे भाई, स्कूल तो इससे बेहतर होता है। वहां एक्शन तो ले सकते हैं।” गौरतलब है कि सभापति सदन का कामकाज सुचारु रुप से चलाने के लिए व्यवस्था बनायें रखने पर जोर देते हैं अौर सदस्यों से सदन की नियमों और परंपराओं का पालन करने का अनुरोध करते हैं। इसके बाद सभापति ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा कराने के लिए शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं कराने की घोषणा की और बोलने के लिए सदस्य का नाम पुकारा। बहुजन समाज पार्टी के वीर सिंह के बोलने के लिए 10 मिनट का समय मांगने पर श्री नायडु ने कहा, “ मैं क्या करूं? जनता ने (अापको) समय दिया ही नहीं।” श्री सिंह को अपना वक्तव्य देने के लिए तीन मिनट का समय आवंटित हुआ था।

कोई टिप्पणी नहीं: