- मनुष्य शरीर के अंदर मोक्ष पाने की सीढ़ी
पूूर्णिया : ईश्वर भक्ति करने से जीव का परम कल्याण संभव है। संत महात्मा कहते हैं कि मनुष्य शरीर के अंदर तीन सीिढ़यां है जिसके द्वारा जीव स्वर्ग, नरक एवं मोक्ष जा सकता है। उक्त प्रवचन महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के शिष्य स्वामी भगीरथ बाबा संतमत सत्संग आश्रम मधुबनी में आयोजित एक दिवसीय संतमत सत्संग के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आंख बंद करने पर जो अंधकार दिखता है वह नरक जाने की सीढ़ी है। अंधकार के बाद प्रकाश दिखता है वह स्वर्ग जाने की सीढ़ी है और प्रकाश के बाद शब्द सुनाई पड़ता है वह मोक्ष जाने की सीढ़ी है। संत महात्मा कहते हैं मनुष्य अंत: साधन के द्वारा मोक्ष प्राप्त कर सकता है। इसके लिए अंदर चलना होगा। अंदर चलने के लिए सच्चे संत के शरण में जाकर अंदर चलने की कला सीखनी होगी। उन्होंने कहा कि मनष्य शरीर ही एक एेसा साधन है जिससे जीव आवागमन के चक्र से छूट सकता है। शरीर पाने के लिए देवी, देवता भी लालायित रहते हैं। मनुष्य शरीर अद्भूत है। इसके अंदर संपूर्ण ब्रह्मांड, सभी देवी, देवताएं, संपूर्ण विद्याएं आदि विद्यमान है। जो अंत: साधन के द्वारा अंधकार से प्रकाश व प्रकाश से शब्द की ओर बढ़ते जाते हैं उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह कैसे होगा इसके लिए ईश्वर भक्ति करनी होगी। ईश्वर भक्ति करने की विधि सच्चे संत के पास जाने से प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि 84 लाख याेनियों में भटकने के बाद मनुष्य शरीर मिलता है। परमपिता परमात्मा जीव को अपने जीव से मिलने के लिए मनुष्य शरीर प्रदान करते हैं। मनुष्य शरीर पाकर भी अगर ईश्वर भक्ति नहीं की तो फिर 84 लाख योनियों में भटकना होगा। इसलिए गुरू से दीक्षा लेकर नियमित सत्संग ध्यान करना चाहिए। इस एक दिवसीय सत्संग में पूज्य धीरेंद्र बाबा, पूज्य चंद्रानंद बाबा, पूज्य शैलेंद्र बाबा, पूज्य सुरेंद्र बाबा, पूज्य संजय बाबा आदि संत महात्मा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त उपस्थित थे। एक दिवसीय सत्संग के आयोजककर्ता लाला प्रसाद रजक ने बताया कि पूज्य बाबा शुक्रवार की सुबह पूर्णिया से प्रस्थान करेंगे।
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